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इंदौर मंदिर हादसे की Inside Story, जानिए कैसे 35 लोगों ने गंवाई जान - behind this tragic incident in indore

रामनवमी के मौके पर इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में दर्दनाक हादसा हो गया. इस घटना में करीब 35 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 19 लोगों को बचाया गया है. वहीं अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. यह घटना कैसे हुई और मंदिर के अंदर मौजूद बावड़ी किस हालात में थी. इससे जुड़ी तमाम जानकारी इस इनसाइड स्टोरी में पढ़ें...

Indore temple Mishap Inside Story
इंदौर मंदिर की इनसाइड स्टोरी

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Published : Mar 30, 2023, 7:23 PM IST

Updated : Mar 31, 2023, 8:32 AM IST

इंदौर मंदिर हादसा इनसाइड स्टोरी

इंदौर। रामनवमी पर इंदौर के जिस बेलेश्वर महादेव मंदिर में जहां 35 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस घटना के पीछे जो कहानी उजागर हुई है, वह भी चौंकाने वाली है. मंदिर के परिसर में मौजूद प्राचीन बावड़ी को ढकने के लिए जो रेलिंग लगाई गई थी, मंदिर के कुछ कर्ताधर्ता ने बावड़ी को ढकने के लिए बाकायदा छत की स्लैब डाल रखी थी. इतना ही नहीं स्लैब का लोड भी बावड़ी के किनारों की रेलिंग पर डाल रखा था. भारी भीड़ का लोड नहीं ले पाने के चलते रेलिंग और स्लैब टूटने से यह हादसा हो गया. हालांकि अब मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

हर मृतक के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक सहायता: रामनवमी पर हुई इंदौर की घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना में मृतकों के परिजनों को ₹500000 की सहायता की घोषणा की है. इसके अलावा गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. दरअसल इंदौर के स्नेह नगर में महादेव मंदिर के परिसर में करीब 7 दशकों से यह बावड़ी है. यहां मंदिर में लोग पूजा पाठ करने आते हैं. बीते महाशिवरात्रि पर भी यहां पर भंडारे के लिए हजारों लोगों की भीड़ जुटी थी. तब भी इसी बावड़ी के ऊपर से लोगों की आवाजाही थी. स्थानीय नागरिक बताते हैं कि यदि महाशिवरात्रि पर ऐसा हादसा होता तो मृतकों की संख्या 200 तक पहुंचती.

जानें कैसे हुआ हादसा: बता दें राम नवमी के अवसर पर श्रद्धालु बावड़ी के ऊपर ढके स्लैब पर ही बैठकर हवन कर रहे थे. सुबह से करीब 12 बजे तक लोगों की आवाजाही बढ़ी और बावड़ी के स्लैब पर श्रद्धालुओं की संख्या करीब 100 तक पहुंच गई. इस दौरान भीड़ का बैलेंस रेलिंग नहीं उठा सकी और रेलिंग के पास से बावड़ी का स्लैब टूट गया. नतीजतन जो लोग स्लैब के ठीक ऊपर बैठे थे, वह बावड़ी में गिर गए. जबकि रेलिंग के पास बैठे लोग किसी तरह बच गए. इसके बाद मची चीख-पुकार में कई लोगों को आनन फानन बचाया गया. जबकि जो लोग बावड़ी के नीचे कई फिट भरे पानी में गिरे उनके ऊपर अन्य लोगों के गिरने से वह खुद को नहीं बचा सके. इसके अलावा बावड़ी के स्लैब में लोहे के सरियों के कारण तत्काल लोग निकल नहीं पाए. हादसे में कई लोग घायल भी हो गए. इसके बाद पानी में मौजूद लोगों ने निकलने की कोशिश भी की, लेकिन ऊपर से लैब का मलबा और अन्य लोगों के गिरने से वह चाह कर भी बाहर नहीं निकल पाए. लिहाजा पानी में डूबने और चोट लगने समेत अन्य कारणों से इस घटना में अब तक 35 जान जा चुकी है. जबकि कई अन्य लोग अभी भी गायब बताए जा रहे हैं. जिनकी खोजबीन रेस्क्यू ऑपरेशन के जरिए की जा रही है.

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बावड़ी पर बिना बीम कॉलम की छत और उस पर फरशी का स्लैब: इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में बावड़ी के ऊपर छत डालने के अजूबे कारनामे के साथ ही जिन लोगों ने यह निर्माण किया उन्होंने बिना बेस और बीम कॉलम के छत के ऊपर पत्थर की फरशी का स्लैब बना रखा था. इतना ही नहीं बावड़ी की रेलिंग के पास में बाकायदा मूर्ति के ठीक सामने बावड़ी मौजूद थी. जिसके ऊपर छत डाल दी गई, इसी मूर्ति के सामने आज बड़ी संख्या में श्रद्धालु हवन कर रहे थे. जो फर्श के टूटते ही बावड़ी में समा गए.

Last Updated : Mar 31, 2023, 8:32 AM IST

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