इंदौर। एमपी में स्टार्टअप हब बन चुका इंदौर अब मध्यभारत के लिए भी स्टार्टअप का मुख्य केंद्र बनता जा रहा है. आसपास के प्रदेशों से भी यंगस्टर्स स्टार्टअप के लिए इंदौर का चयन करने लगे हैं. रिस्क है तो रिवार्ड है. इसी मान्यता की मिसाल है यह पोर्टेबल वर्क प्लेस जिसे इंदौर के दो कपल आकांक्षा-अनंत शुक्ला और निशांत-मेघा अग्रवाल ने साकार किया है.
इंदौर में लंदन का प्रयोग:अनंत अग्रवाल ने जब इस तरह के पोर्टेबल वर्कप्लेस को लंदन की सड़कों पर देखा तो उन्हें ख्याल आया कि जिस तरह लंदन विकसित है उसी तरह इंदौर भी तेजी से विकसित हो रहा है. लंदन के प्रयोग को उन्होंने इंदौर में साकार करने का फैसला किया. इसके बाद लाखों रुपए की कॉरपोरेट जॉब छोड़ कर उन्होंने अपने को फाउंडर निशांत और नेहा अग्रवाल के साथ मिलकर इस स्टार्टअप की शुरुआत इंदौर के 56 दुकान से की.
OTP से लॉकिंग सुविधा:यह पोर्टेबल प्लेस कुछ इस तरह तैयार किया गया है. इसमें साउंड प्रूफ फर्नीश केबिन के साथ एयर कंडीशन एयर प्यूरीफायर के साथ अत्याधुनिक ऑफिस की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. इसे उपयोग करने के लिए एक QR कोड से 99 रुपए के पेमेंट के बाद प्रवेश किया जा सकेगा. इसके अलावा फिंगर प्रिंट और OTP से लॉकिंग की सुविधा भी रहेगी. इसके अलावा इस वर्क प्लेस की खासियत यह है कि, यह भीड़ वाले इलाके में भी पूरी तरह साउडप्रूफ रहेगा. जिसमें कभी भी कोई भी अपनी सुविधा के अनुसार ऑफिस वर्क मीटिंग एवं ऑफिशियल कन्वर्सेशन किए जा सकेंगे.
इंदौर के नाम हुआ एक और रिकॉर्ड, 56 दुकान और सराफा चौपाटी को मिला सबसे क्लीन स्ट्रीट फूड हब का दर्जा
पब्लिक प्लेस पर स्थापित होंगे:माय केबिन के को फाउंडर निशांत अग्रवाल के मुताबिक, इंदौर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ दिव्यांक सिंह की मदद से इंदौर में दो स्थानों पर इन रखकर वर्क प्लेस का प्रयोग शुरू किया गया है. इसका जबरदस्त रिस्पांस मिला है. जल्द ही एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, शॉपिंग मॉल और शहर के प्रमुख व्यवसायिक स्थानों पर इन्हें उपलब्ध कराए जाने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है. जिससे स्मार्ट होते इंदौर को हाईटेक टेक्नोलॉजी से अपडेट ऑफिशियल वर्क प्लेस ऑन डिमांड उपलब्ध हो सके.