नई दिल्ली :गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष के बाद भारत-चीन सीमा पर बढ़े तनाव के बीच भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए इस तरह का काम किया है कि जिसे दुनिया के किसी देश की सेना ऐसा नहीं कर सकी है. इसी कड़ी में माइनस 20 डिग्री से कम तापमान में पूर्वी लद्दाख में उत्तरी सीमाओं पर भारतीय सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड ने हवाई युद्धाभ्यास किया. यह अभ्यास तीन दिन तक चलेगा.
इस दौरान एयरफोर्स के सैनिकों ने 14 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई से अभ्यास किया. अभ्यास के लिए पांच अलग-अलग माउंटिंग बेस से विशेषज्ञ वाहनों और मिसाइल डिटेचमेंट के साथ पूर्व-अनुकूलित सैनिकों को सी-130 और एएन 32 विमानों के माध्यम से ले जाया गया था.
इस अभ्यास में ऑक्सीजन कॉम्बैट फ्री फॉल जंप के अलावा अटैक हेलीकॉप्टरों द्वारा एकीकृत युद्ध अभ्यास के साथ क्षमताओं की पुष्टि और निर्बाध एकीकरण शामिल है. भारतीय सेना के एक सूत्र ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में उत्तरी सीमाओं के साथ 'शत्रुजीत' ब्रिगेड का हवाई अभ्यास को युद्धाभ्यास के मद्देनजर में किया गया है. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से माइनस 20 डिग्री से कम तापमान और अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाके में ये अभ्यास चुनौतीपूर्ण था.
ये भी पढ़ें - अलास्का की ठंड में लद्दाख का अहसास, भारतीय व अमेरिकी सैनिकों ने किया युद्धाभ्यास
बता दें कि मथुरा स्थित 1 स्ट्राइक कॉर्प्स के तहत 'शत्रुजीत' ब्रिगेड एक ऐसी संरचना थी जिसे मुख्य रूप से पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन के लिए तैयार किया गया था. हालांकि पूर्वी लद्दाख में इसका उपयोग चीन पर केंद्रित होगा. इसके अलावा अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पैराट्रूपर्स के विभिन्न बिंदुओं, विभिन्न उड़ान प्लेटफार्मों, भारी उपकरणों की लैंडिंग, सैनिकों द्वारा पीछा किए जाने वाले संचालन के पैमाने और सीमा अभूतपूर्व परिचालन जटिलताओं से रूबरू कराना भी है.