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Massive Strategy To Fight Terror : आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की व्यापक रणनीति, दो दिवसीय सम्मेलन में जुटेंगे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख

केंद्र के साथ-साथ राज्यों की शीर्ष खुफिया एजेंसियां ​​उभरते आतंकी खतरे और अधिक प्रगतिशील आतंकवाद विरोधी तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में इकट्ठा होंगी. 5 अक्टूबर से दो दिवसीय सम्मेलन होगा. उद्घाटन अमित शाह करेंगे. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Home Minister Amit Shah
गृह मंत्री अमित शाह

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2023, 9:55 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) गुरुवार और शुक्रवार को दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन का उद्घाटन गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) करेंगे. सम्मेलन में भारत भर से आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख, एनआईए, रॉ और आईबी प्रमुख, राज्य के पुलिस महानिदेशक सहित अन्य उपस्थित रहेंगे. सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल होंगे.

हाल ही गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि वे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा में कई शीर्ष राजनेताओं के अलावा अयोध्या में राम मंदिर सहित भारत भर के प्रमुख स्थानों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे. वह 26/11 जैसा हमला करने की फिराक में थे. इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां और अलर्ट हो गई हैं.

एनआईए के सूत्रों ने इस संवाददाता को बताया कि चर्चा का मुख्य फोकस गैंगस्टरों-आतंकवादियों के बीच बढ़ती साठगांठ और भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हो रहे ड्रग्स के इस्तेमाल से सख्ती से निपटना है. सूत्रों ने कहा, 'सम्मेलन में खालिस्तानी आतंकी मुद्दे से निपटने की रणनीति पर भी चर्चा होगी.'

यह बैठक इस तथ्य के बाद अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है कि एनआईए ने खालिस्तानी ताकतों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू की है. यह उम्मीद की जाती है कि सम्मेलन सभी आतंकवाद विरोधी एजेंसियों के बीच इस खतरे से लड़ने के लिए मिलकर काम करने के तौर-तरीकों की रूपरेखा तैयार करेगा.

सम्मेलन का एक अन्य प्रमुख बिंदु पाकिस्तान और भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक अन्य देशों द्वारा निर्धारित ड्रग्स और हथियार-तस्करी के नए मार्गों का पता लगाने के लिए अन्य विदेशी एजेंसियों और बलों से अधिक सटीक मदद लेने के तौर-तरीकों का पता लगाना है.

सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों, जांच इकाइयों और बलों से नियमित इनपुट साझा करने की व्यवस्था के बजाय सरकार द्वारा दिए गए एक विशिष्ट प्रारूप में खुफिया और जानकारी प्रदान करने पर जोर देने के लिए कहा जाएगा.

सूत्रों के मुताबिक उक्त बैठक में खुफिया एजेंसियों को भारत के खिलाफ काम करने वाले आतंकी संगठनों, एनजीओ, दबाव समूहों समेत अन्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया है.

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