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BRO DG INTERVIEW : पानी के नीचे ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाई जाएगी भारत की पहली सड़क-रेल सुरंग - लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी

असम में ब्रह्मपुत्र नदी में पानी के नीचे सड़क सह-रेल सुरंग बनाई जाएगी. सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. यह भारत में नदी के माध्यम से बनने वाली पहली सड़क सुरंग होगी. बीआरओ के डीजी के मुताबिक जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू होगा.

BRO DG Lt General Rajeev Chaudhry
बीआरओ डीजी लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी

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Published : Apr 21, 2023, 5:57 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 6:23 PM IST

बीआरओ डीजी से खास बातचीत

तेजपुर (असम) : अरुणाचल प्रदेश पर चीन के लगातार दावों के बावजूद भारत ने अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ सीमा पर संचार की सुविधा प्रदान की है. हाल ही में, भारत सरकार ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा एलएसी को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण और सीमा पर अतिरिक्त 1800 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का कार्य हाथ में लिया है. असम में ब्रह्मपुत्र नदी में पानी के नीचे सड़क सह-रेल सुरंग बनाई जाएगी.

आज तेजपुर में 'प्रोजेक्ट वर्तक' (Project Vartak) में सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी (BRO DG Lt General Rajeev Chaudhry) ने ईटीवी भारत के वरिष्ठ पत्रकार प्रणब कुमार दास के साथ खास बातचीत में कहा कि 1800 किलोमीटर लंबी सड़क संपर्क का काम शुरू किया गया है और दो महत्वपूर्ण सुरंगों को पूरा किया गया है.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के पहले सीमावर्ती गांव किबिथू से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम वीवीपी का शुभारंभ किया. देश में वीवीपी के तहत कुल 1662 गांवों में से 441 गांवों को अकेले अरुणाचल प्रदेश में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के लिए कुल 4,800 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 50% या 2,500 करोड़ रुपये अकेले सीमा सड़कों के निर्माण के लिए आवंटित किए गए हैं.

एक महत्वपूर्ण रणनीति सड़क बीआरओ परियोजना अरुणंग (BRO project Arunang ) हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास पूरी हुई. अरुणाचल प्रदेश के दक्षिणी सोवनसिरी जिले का माज़ा गांव अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संचार पूरा करने वाला पहला गांव है और सीमा सड़क परियोजना के अंतर्गत है.

सीमावर्ती गांव बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि तमा चुंग चुंग-माज़ा वह क्षेत्र है जहां 2 जेके राइफल्स के हवलदार शेरे थापा ने 18 अक्टूबर, 1962 को 155 चीनी सैनिकों को मार डाला था. गेलेमो डक्पा, 5,870 फीट की ऊंचाई पर और गेलेंटसिन्यक से 17 किमी दूर, माउंट शेरी के आसपास तिब्बती साड़ी तीर्थ मार्ग पर स्थित है. तीर्थयात्रा साड़ी चू घाटी से गेलेंचिन्याक तक और फिर सुबनसिरी घाटी से होते हुए तिब्बत तक जाती है. हालांकि, 1962 के भारत-चीन संघर्ष के बाद से कोई तीर्थ यात्रा नहीं की गई है.

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी (Lt. General Chaudhry) ने कहा कि अब सभी प्रकार के वाहन एक महत्वपूर्ण पुल के माध्यम से माज़ा गांव से सीमा तक आ-जा सकते हैं. यह सड़क जल्द ही पक्की हो जाएगी और सुरक्षा बलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण सीमा सड़क है.

9.8 किमी लंबी होगी सुरंग :असम में ब्रह्मपुत्र नदी में पानी के नीचे की सुरंग 9.8 किमी की लंबाई वाली दुनिया की सबसे लंबी सड़क और रेल सुरंग होगी. महानिदेशक ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही परियोजना को मंजूरी दे दी है और यह अंतिम चरण में है. सुरंग का निर्माण सुरक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि यह भारत में नदियों के माध्यम से बनने वाली पहली सड़क सुरंग है क्योंकि हाल ही में पश्चिम बंगाल में पानी के माध्यम से मेट्रो रेल का निर्माण किया गया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल प्लानिंग का अंतिम चरण चल रहा है, जिसके बाद काम शुरू होगा.

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Last Updated : Apr 21, 2023, 6:23 PM IST

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