गांधीनगर : केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि आने वाले वर्षों में ज्यादातर नौकरियां नई प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में होंगी. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की शिक्षा व्यवस्था और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने के वास्ते पूरी तरह से उन्मुख है. प्रधान ने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के जरिये देश के युवा नौकरियों के क्षेत्र में अपना दबदबा बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत अगले 25-30 वर्षों में कामकाजी उम्र की आबादी के मामले में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है और पूरी दुनिया की नजरें भारतीय युवाओं पर टिकी हैं.
केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री प्रधान ने यहां 'वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन' के 10वें संस्करण में एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, 'सरकार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप, शिक्षा और कौशल के बीच अधिक तालमेल को बढ़ावा देने की दिशा में पूरी लगन से काम कर रही है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि देश की उन्नति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कुशल कार्यबल को विकसित करने की आवश्यकता है.'
उन्होंने कहा, 'डिजिटल कौशल में महारत हासिल करना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. हमारे युवाओं को नौकरियों के क्षेत्र में दबदबा बनाने के वास्ते भविष्य के लिए तैयार करने की आवश्यकता है.' प्रधान ने कहा कि चूंकि भविष्य में ज्यादातर नौकरियां नई प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में हैं, इसलिए 21वीं सदी में युवाओं के ज्ञान और कौशल पर उनके प्रभाव को जानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने 'हमारे कार्यबल को कौशल प्रदान करने और उन्हें 2047 तक विकसित भारत के लिए तैयार करने के वास्ते एक मिशन शुरू किया है.'
उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी को योगदान देना होगा, विशेष रूप से युवाओं को. उन्होंने कहा कि इसी विश्वास के साथ सरकार का लक्ष्य प्रत्येक युवा को विकसित भारत की कार्ययोजना से जोड़ना है. प्रधान ने कहा, 'विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी होने के अलावा, गुजरात सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक के रूप में उभरा है. आज पूरी दुनिया विकास के ‘गुजरात मॉडल’ के बारे में बात करती है.'
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