सागर। डाॅ हरीसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सटी सागर ताइवान के साथ शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय संबंध स्थापित करने की तैयारी कर रहा है. दरअसल सागर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ताइवान का दौरा करके लौटी है, जहां उन्होंने ताइवान की कई यूनिवर्सटी और इंस्टीट्यूट का दौरा करने के बाद अकादमिक साझेदारी के साथ शोध के क्षेत्र में साझेदारी पर चर्चा की है. सागर यूनिवर्सटी विशेष तौर पर ताइवान की सेमीकंडक्टर निर्माण में विशेषज्ञता को देखते हुए स्टूडेंट्स और फैक्लटी एक्सजेंच के कार्यक्रम बना रही है, इसके अलावा फिजिक्स, अर्थ साइंस, लाइफ साइंस और मानव विज्ञान के क्षेत्र में भी साझेदारी की जाएगी.
एआईयू के प्रतिनिधिमंडल का ताइवान दौरा:एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU) के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में सेंट्रल यूनिवर्सटी सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने पिछले दिनों ताइवान का दौरा किया, प्रतिनिधिमंडल ने ‘युशान फोरम ऑन एशियन डायलॉग फॉर इनोवेशन एंड प्रोग्रेस ऑन टैलेंट एक्सचेंज एंड एन्हांस रीजनल रेजिलिएंस’ में भाग लिया और ताइवान की यूनिवर्सटीज में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान के नेशनल ताइपे टेक्नोलोजिकल यूनिवर्सिटी (ताइपेइ), नेशनल सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी, (ताओयुआन), नेशनल त्सिंग हुआ यूनिवर्सिटी (सिंचु), नेशनल यांग मिंग चियाओ तुंग यूनिवर्सिटी (सिंचु), नेशनल चुंग ह्सिंग यूनिवर्सिटी (ताइचुंग), नेशनल चेंग कुंग यूनिवर्सिटी (ताइनान) का दौरा किया. ताइवान की यूनिवर्सटी की सुविधाओं को जानने समझने के अलावा विषय विशेषज्ञों और प्रमुख पदाधिकारियों से अनुसंधान और शैक्षणिक कार्यक्रमों के संबंध में आपसी सहयोग पर चर्चा की.
भारतीय छात्रों के जाने अनुभव:ताइवान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने ताइवान में उन भारतीय छात्रों से मुलाकात की, जो सेमीकंडक्टर, फिजिक्स, जियोलाॅजी, मानव विज्ञान और लाइफ साइंस में विशेषज्ञता हासिल कर रहे हैं. प्रतिनिधिमंडल को भारतीय छात्रों ने बताया कि "हमने अपने रूचि के क्षेत्रों को पढने के लिए ताइवान में पढाई करना चुना. ताइवान में अनुभव आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाता है, हमारे शिक्षक सुनिश्चित करते हैं कि हम वास्तव में सीखें, हम तकनीक को समझे और अपने दम पर उपकरणों के रखरखाव में सक्षम हों." छात्रों का कहना है कि पढ़ाई के बाद भारत वापस लौटकर सेमी कंडक्टर सुविधाओं का निर्माण के लिए भारत के समग्र विकास में योगदान देंगे.
क्या है सेमीकंडक्टर:सेमीकंडक्टर में बिजली के सुचालक और कुचालक दोनों गुण होते हैं, सेमीकंडक्टर प्रमुख रूप से इलेक्ट्रिक सप्लाई को कंट्रोल करने का काम करता है, इनका निर्माण सिलिकान से होता है. सेमीकंडक्टर में विशेष तरह की तकनीक से सुचालक गुणों में बदलाव लाया जाता है, इसी का इस्तेमाल कर इलेक्ट्रिक सर्किट चिप बनाते है, जिसके जरिए डाटा प्रोसेसिंग होती है. एक तरह से सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रानिक उपकरणों के दिमाग का काम करता है.