नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा घोषित मेगा हाई स्पीड रेलवे कनेक्टिविटी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अभाव में रेल मंत्रालय ने अभी तक सात बहुप्रचारित हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर को मंजूरी नहीं दी है. वर्तमान में, मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) परियोजना देश में स्वीकृत एकमात्र हाई स्पीड रेल परियोजना है जो जापान सरकार की वित्तीय और तकनीकी सहायता से क्रियान्वित की जा रही है.
घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को ईटीवी भारत को बताया कि हालांकि रेल मंत्रालय ने सात हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की डीपीआर तैयार करने का काम नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को सौंपा है, लेकिन अभी तक उन्होंने रिपोर्ट जमा नहीं की है. एनएचएसआरसीएल ने दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन की डीपीआर फाइनल कर रेल मंत्रालय को सौंप दी है.
अधिकारी के अनुसार अत्यधिक पूंजी गहन परियोजनाएं होने के कारण, किसी भी एचएसआर कॉरिडोर और परियोजनाओं को मंजूरी देने का निर्णय डीपीआर के परिणाम, तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता और वित्तपोषण विकल्पों जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है. अधिकारी ने कहा कि 'दिल्ली-वाराणसी, दिल्ली-अहमदाबाद, दिल्ली-अमृतसर, मुंबई-नागपुर, मुंबई-पुणे-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर और वाराणसी-हावड़ा की डीपीआर अध्ययन के विभिन्न चरणों में है.'