नई दिल्ली: रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार 'गरीब-किसान की समर्थक है, लेकिन उद्योग के अनुकूल भी है.' उन्होंने साथ ही जोड़ा कि सभी नीतियों को उद्योग और अन्य संबंधित पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया जा रहा है. मांडविया ने कहा कि भारत 'दुनिया की फार्मेसी' है और उद्योग को नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने के लिए दुनिया भर में हो रहे बदलाव के बारे में जागरूक रहने तथा नवाचारों पर ध्यान देने की जरूरत है.
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को नई दिल्ली में फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र पर सम्मेलन में कहा कि घरेलू जरूरतों और वैश्विक मांगों को पूरा करने के लिए आने वाले वर्षों में भारत का दवा क्षेत्र और अधिक योगदान देगा. मांडविया ने 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, "भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग मजबूत, लचीला और उत्तरदायी है. इसकी वजह से हम न केवल महामारी के दौरान अपनी कम मांग को पूरा कर सकते हैं, बल्कि 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति करने की स्थिति में भी हैं."
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन और वसुधैव कुटुम्बकम के लोकाचार को दोहराते हुए मांडविया ने कहा, "भारत ने अभूतपूर्व परिस्थितियों में न केवल अपने घरेलू बल्कि कई अन्य लोगों की जरूरतों को पूरा करने में एक असाधारण भूमिका निभाई है." स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 का भी अनावरण किया और चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद का शुभारंभ किया.