दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाले चीनी पोत की निगरानी कर रही है भारतीय नौसेना

एक चीनी अनुसंधान पोत के हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से भारतीय नौसेना लगातार उस पर नजर बनाए हुए है और बारीकी से निगरानी कर रही है. इस बात जानकारी रक्षा विभाग के कुछ सूत्रों ने दी है.

भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना

By

Published : Nov 4, 2022, 8:53 PM IST

Updated : Nov 4, 2022, 10:37 PM IST

नई दिल्ली: एक चीनी शोध पोत हिंद महासागर क्षेत्र में घुसा गया. नौसेना के सूत्रों के अनुसार, भारतीय नौसेना चीनी पोत युआन वांग VI की आवाजाही पर करीब से नजर रख रही है. यह प्रक्रिया भारत द्वारा एक नियोजित मिसाइल परीक्षण से कुछ दिन पहले हुई है. गौरतलब है कि तीन महीने पहले चीनी जहाज 'युआन वांग 5' भी श्रीलंकाई बंदरगाह हंबनटोटा में डॉक किया गया था.

समुद्री यातायात के अनुसार, युआन वांग VI हिंद महासागर में पार कर गया है. यह अब कथित तौर पर बाली के तट पर नौकायन कर रहा है. चीनी जहाज भारतीय जलक्षेत्र में उस समय देखा गया था जब भारत ने एयरमेन को नोटिस (NOTAM) जारी किया था. विशेष रूप से, NOTAM की घोषणा की गई थी, क्योंकि नई दिल्ली ने मिसाइल परीक्षण करने के अपने इरादे दिखाए थे.

रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि 'भारतीय नौसेना आईओआर में प्रवेश करते ही चीनी अनुसंधान पोत की बारीकी से निगरानी कर रही है. भारतीय नौसेना की संपत्ति जो आईओआर में तैनात मिशन है और हवाई निगरानी क्षमताएं यह सुनिश्चित करती हैं कि नौसेना क्षेत्र में एक व्यापक समुद्री डोमेन जागरूकता बनाए रखे. सूत्रों ने कहा कि भारतीय नौसेना अपनी हवाई और समुद्री संपत्तियों के जरिए अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्र में ऐसी किसी भी गतिविधि पर नजर रखती है.

चीनी अनुसंधान पोत सुंडा जलडमरूमध्य के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है और यह अभी भी भारतीय जल से काफी दूरी पर है. भारतीय नौसेना भी इस क्षेत्र में अपने आंदोलन को बारीकी से ट्रैक कर रही है और उच्च ऊंचाई वाली लंबी दूरी के मानव रहित हवाई वाहन कड़ी नजर रखेंगे. अगर यह भारतीय जल के करीब आता है, तो एक भारतीय सतह युद्धपोत इसके साथ मुलाकात कर सकता है.

पढ़ें:आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन का मकसद आंतरिक उथल-पुथल से ध्यान हटाना: सैन्य अधिकारी

चीनी भी इन अनुसंधान जहाजों को अपने उपग्रह प्रक्षेपणों पर नज़र रखने के लिए भेजते हैं, लेकिन इस बार, इसका उद्देश्य भारतीय मिसाइल प्रक्षेपणों को ट्रैक करना हो सकता है जिनकी योजना अगले कुछ महीनों में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा बनाई गई है. भारत ऐसे जासूसी जहाजों से निपट रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय जल में रहते हैं लेकिन अपने उपकरणों का उपयोग करके गतिविधियों का पता लगा सकते हैं और उन पर नज़र रख सकते हैं.

Last Updated : Nov 4, 2022, 10:37 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details