नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के चलते पहले कभी नहीं देखे गये प्रभावों के कारण उत्पन्न संकुचन के बाद, इस वर्ष की दूसरी छमाही में भारत की आर्थिक संभावनाओं में सुधार के संकेत मिलने की पुष्टि हुई है. इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के संकेत भी मिल रहे हैं.
लोकसभा में एस जगतरक्षकन के प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह बात कही. जगतरक्षकन ने पूछा था कि क्या यह सही है कि भारत में अर्थव्यवस्था के सतत रूप से उबरने के मार्ग में अब भी कई जोखिम हैं. उन्होंने यह भी प्रश्न किया था कि थोक मूल्य मुद्रास्फीति द्वारा हाल ही में नये रिकॉर्ड बनाने तथा मूल मुद्रास्फीति के भी इस समय काफी अधिक होने के मद्देनजर सरकार द्वारा क्या क्या कदम उठाये गए?
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसका जवाब देते हुए कहा, वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिये उपलब्ध अंतिम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान कोविड-19 के अभूतपूर्व प्रभाव के कारण उत्पन्न संकुचन के बाद इस वर्ष की दूसरी छमाही में भारत की आर्थिक संभावनाओं में तीव्र सुधार की पुष्टि होती है.
उन्होंने कहा कि भारत की वास्तविक जीडीपी के वित्तीय वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 0.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. चौधरी ने कहा कि आर्थिक सुधार की यह गति कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रारंभ से सामान्य हो गई थी. उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरूत्थान के संकेत प्रदर्शित कर रही है .