नई दिल्ली: दुनिया की कई दिग्गज टेक कंपनियों की बागडोर भारतीय मूल के व्यक्ति के पास है. इस सूची में अब पराग अग्रवाल का भी नाम जुड़ गया है. पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बनाए गए हैं. इससे पहले गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एडोब जैसी कंपनियों का जिम्मा भी भारतीय ही संभाल रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं.
ट्विटर (Twitter)
Twitter के को- फाउंडर फाउंडर जैक डोर्सी ने सोमवार को सीईओ पद से त्यागपत्र दे दिया. उनके स्थान पर अब नये सीईओ की नियुक्ति भारतीय मूल के पराग अग्रवाल की हुई है. पराग ने आईआईटी मुंबई से पढ़ाई की है. 2010 में उन्होंने ट्विटर ज्वाइन किया था.
गूगल (Google)-सुंदर पिचाई
विश्व की प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक गूगल के सीईओ भारतीय ही हैं. उनका नाम सुंदर पिचाई है. पिचाई आईआईटियन हैं. उन्होंने मद्रास से बीटेक की डिग्री ली है. पिचाई ने वर्ष 2004 में गूगल के साथ काम करना शुरू किया था. वर्ष 2019 में पिचाई को गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का सीईओ बना दिया गया है.
सुंदर पिचाई का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ. उन्होंने अपनी पढ़ाई आईआईटी खड़गपुर से की है. उसके बाद उन्होंने वारटन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है. उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी डिग्री प्राप्त की है. गूगल के सीईओ बनने से पहले पिचाई गूगल इंटरनेट बिजनेस में प्रॉडक्ट एंड इंजीनियरिंग इंचार्ज थे. जिस दिन जीमेल लॉन्च किया गया था, उसी दिन पिचाई ने गूगल में ज्वाइन किया था. यह साल था 2004. गूगल क्रोम को पिचाई ने ही विकसित किया है. उन्होंने गूगल टूलबार को भी डेवलप करने में बड़ी भूमिका निभाई है. पिचाई ने एक बार कहा था कि उन्होंने पहली बार कंप्यूटर खड़गपुर में देखा था. उन्होंने मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. पिचाई को क्रिकेट खेलना भी काफी पसंद है. वह अपनी स्कूल टीम के कैप्टन भी थे. गूगल से पहले पिचाई मैकिन्से एंड कंपनी में कंसल्टेंट थे.
सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट
इस प्रतिष्ठित कंपनी के सीईओ भी भारतीय ही हैं. हैदराबाद में पैदा हुए सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ 1992 में बने. नडेला 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े. उन्होंने विंडो सर्वर, डेवलपर्स टूल जैसे कई उत्पादों का नेतृत्व किया. उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग का मास्टर माना जाता है. उन्हें क्लाउड गुरु भी कहा जाता है. कहा जाता है कि माइक्रोसॉफ्ट की एक बैठक में उन्होंने ही क्लाउड कंप्यूटिंग का सुझाव दिया था. उन्होंने ऑनलाइन सर्विसेज, बिजनेस डिवीजन और बिजनेस सोल्युसंस में भी बड़ी भूमिका निभाई है. माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवा का नाम अजूर है. अजूर को विकसित करने में सत्य नडेला महत्वपूर्ण रहे हैं. वह माइक्रोसॉफ्ट के इतिहास में तीसरे सीईओ रहे हैं. उनसे पहले बिल गेट्स और स्टीव बामर इसके सीईओ रह चुके थे. नडेला ने बेगमपेट के हैदराबाद पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है. उन्होंने विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से एमएस किया. एमबीए की डिग्री उन्होंने शिकागो से ली है.
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