लद्दाख : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कुछ बिंदुओं पर अभी भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है. वहीं, भारतीय सेना की टैंक रेजिमेंट पूर्वी लद्दाख में ऊंचाई वाले इलाकों में ऑपरेशन के लिए तैयार है.
भारतीय सेना एक साल से अधिस समय से पूर्वी लद्दाख में बड़े पैमाने पर टैंकों की तैनाती कर रही थी. इस दौरान सेना के बख्तरबंद रेजिमेंट्स ने क्षेत्र में 14,000 से 17,000 फीट की ऊंचाई पर हथियारों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित किया है.
पिछले साल जून महीने में एलएसी पर चीन के साथ अत्यधिक तनाव बढ़ने के बाद भारतीय सेना ने टी-90 भीष्म और टी-72 अजय टैंकों के साथ-साथ बीएमपी सीरीज इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स (ICV) को इन ऊंचाई वाले स्थानों पर बड़े पैमाने पर तैनात करना शुरू किया था. पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण का मुकाबला करने के लिए इसे ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (Operation Snow Leopard ) नाम दिया गया था.
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सेना के एक अधिकारी ने को बताया, हम पहले ही पूर्वी लद्दाख में इन ऊंचाइयों पर -45 डिग्री तक तापमान का अनुभव करते हुए एक साल बिता चुके हैं. हमने इन तापमानों और कठोर इलाकों में टैंकों को संचालित करने के लिए अपने एसओपी विकसित किए हैं.