नई दिल्ली : यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद युद्धग्रस्त देश में मानवीय संकट पैदा हो गया है. लाखों यूक्रेनी देश छोड़कर जाने को मजबूर हैं. इस बीच भारत ने यूक्रेन की मदद करने की बात कही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोमवार को कहा कि हम दवाओं के साथ मानवीय सहायता यूक्रेन भेजेंगे. यूक्रेन में फंसे भारतीयों की निकासी को लेकर उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जमीनी हालात बहुत मुश्किल और जटिल होने के बावजूद भारत युद्धग्रस्त देश से अपने हर नागरिक को लाएगा, ऐसे में वहां पर फंसे भारतीय घबराए नहीं, विदेश मंत्रालय की टीम से सम्पर्क करें तथा सीधे सीमा पर नहीं आएं.
सरकारी सूत्रों के अनुसार यूक्रेन में फंसे 1396 भारतीयों को अभी तक स्वदेश वापस लाया जा चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यूक्रेन से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए सरकार सभी पक्षों के सम्पर्क में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों से अभियान के समन्वय एवं देखरेख के लिये चार वरिष्ठ मंत्रियों को दायित्व सौंपा हैं.
उन्होंने कहा, हम भारतीयों को यूक्रेन के पश्चिमी इलाके की ओर जाने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं. साथ ही हम इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि लोग सीधे सीमावर्ती क्षेत्र में नहीं पहुंचें. वे (भारतीय) पश्चिमी हिस्से में पहुंचे और पास के शहर में रुकें. बागची ने कहा कि यदि वहां फंसे भारतीय सीधे सीमा पर पहुंचेंगे तक तब वहां काफी भीड़ लग जाएगी, ऐसे में उन्हें निकालने में काफी समय लगेगा. प्रवक्ता ने कहा, 'घबराये नहीं. हमारी टीम (विदेश मंत्रालय) से सम्पर्क करें. अपने मौजूदगी के स्थान को साझा करें.'
उन्होंने कहा कि विमानों की उड़ान हमारे लिये कोई समस्या नहीं है तथा अधिक उड़ान लगाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक बार लोग यूक्रेन से सीमा पार कर जाएं तो उन्हें निकाल लिया जाएगा. बागची ने कहा, 'यूक्रेन में हालात काफी कठिन हैं लेकिन चाहे जितना भी समय लगे, हम हर नागरिक को वापस लायेंगे.'