नई दिल्ली : वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू उद्योग के साथ जहां भी अनुचित व्यवहार होगा, वहां भारत जवाबी कार्रवाई करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि कई गैर-शुल्क बाधाएं हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है.
व्यापार के लिए गैर-शुल्क बाधाएं प्रतिबंधात्मक प्रथाएं हैं, जो आयात-निर्यात के सहज प्रवाह में बाधाएं पैदा करती हैं.
मंत्री ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के 54वें दीक्षांत समारोह में कहा, 'आज व्यापार के लिए बहुत सारे अध्ययन की जरूरत है, दूसरे देशों द्वारा अपनाई जा रही प्रथाओं के बारे में गहराई से पता लगाने के लिए. बहुत सी गैर-शुल्क बाधाएं हैं, जिनका अध्ययन करने की जरूरत है. हमें उन बाधाओं को हल करने के लिए काम करने की जरूरत है. हमें जहां भी अनुचित, अन्यायपूर्ण व्यवहार मिलेगा, भारत को जवाबी कार्रवाई करनी होगी.'
उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन, यूएई और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है और आईआईएफटी की युवा प्रतिभाएं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत की मदद कर सकते हैं. भारतीय विश्वविद्यालयों के दुनिया भर में प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ गठजोड़ का आह्वान करते हुए उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों से ऐसे संस्थानों के साथ लगातार सहयोग करने के लिए कहा.
गोयल ने भरोसा जताया कि भारत चालू वित्त वर्ष के दौरान 400 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लेगा. उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने संकट को अवसर में बदलने का लक्ष्य रखा है और भारत को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देखा जा रहा है.
गोयल ने कहा, 'हम जो कुछ भी करते हैं, उसमें गुणवत्ता और उत्पादकता लाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 'मेड इन इंडिया' उत्पाद दुनिया के लिए एक गारंटी होना चाहिए.'
(पीटीआई-भाषा)