नई दिल्ली :केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार (Subhas Sarkar) ने नई दिल्ली में सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (SEPC) की 12वीं वार्षिक आम बैठक (Annual General Meeting of SEPC) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को सस्ती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले वैश्विक अध्ययन केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा. इस वर्ष एजीएम का विषय India@2047: सेवा क्षेत्र निर्यात रणनीति 'उच्च शिक्षा का कौशल और अंतरराष्ट्रीयकरण' था. प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि उद्देश्य को प्राप्त करने में शिक्षा क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण में भारत को वैश्विक शिक्षा शक्ति बनाना भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि 'हम शीर्ष अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी पर बात कर रहे हैं क्योंकि NEP2020 में हम विश्व रैंकिंग में आने वाले विदेशों में उच्च शिक्षा संस्थानों के सहयोग से छात्रों को दोहरी या संयुक्त डिग्री के माध्यम से क्रेडिट हस्तांतरण की बात करते हैं.'
योजना पर काम करते हुए IIT दिल्ली जल्द ही मिस्र में सैटेलाइट कैंपस स्थापित करेगा. IIT मद्रास एक कैंपस तंज़ानिया में स्थापित करने के लिए बातचीत कर रहा है. इसी तरह संयुक्त अरब अमीरात ने भी अपने देश में एक आईआईटी परिसर के लिए रुचि दिखाई है. जबकि विशेषज्ञों ने भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के प्रयासों का सुझाव दिया है.
विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि इंटर्नशिप के लिए कम से कम एक वर्ष का कार्यवीजा दिया जाए. वर्तमान में विदेशों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या लगभग 10 लाख है जबकि भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या लगभग 49000 है.