नई दिल्ली: मालदीव की मंत्री मरियम शिउना द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उनका मजाक उड़ाने वाली अभद्र टिप्पणियों के बाद भारतीय उच्चायुक्त ने माले के साथ मामला उठाया है. इसको लेकर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए मालदीव सरकार से अपनी आपत्ति जाहिर की थी. इस संबंध में मालदीव सरकार ने पीएम मोदी पर अपनी मंत्री की टिप्पणी पर बयान जारी करते हुए कहा है कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है. मंत्री की टिप्पणी मालदीव सरकार की नहीं है. साथ ही कहा है कि सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे.
इसी तरह, माले सिटी काउंसिल के प्रवक्ता और मालदीव के युवा अधिकारिता उप मंत्री ने भी पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी. हालांकि मरियम शिउना की पोस्ट को कुछ घंटों के बाद हटा दिया गया है, लेकिन इस घटना ने भारत और मालदीव के बीच पहले से ही तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों को और भी खराब कर दिया है.
इस बीच, ऐसे कृत्यों की निंदा करते हुए मालदीव सुधार आंदोलन के अध्यक्ष फारिस ने सरकार से उन सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया जो मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों और उच्च अधिकारियों के प्रति अनादर प्रदर्शित करते हैं. फ़ारिस ने एक पोस्ट में कहा कि सरकार को उन सार्वजनिक अधिकारियों को फटकार लगानी चाहिए जो मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों और उच्च अधिकारियों के प्रति असम्मानजनक हैं. यदि ऐसी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है, तो यह व्याख्या करने की गुंजाइश है कि मालदीव सरकार द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों को माफ कर दिया गया है.
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने शिउना द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा को भयावह बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और सरकार से उनकी टिप्पणियों से दूरी बनाने का आग्रह किया. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मालदीव सरकार के अधिकारी के द्वारा एक प्रमुख सहयोगी नेता के प्रति कितनी भयावह भाषा, जो मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मुइज्जू सरकार को इन टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए और भारत को स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए. इस बारे में एमएनपी ने एक पोस्ट में कहा है कि मालदीव नेशनल पार्टी एक सरकारी अधिकारी द्वारा एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा करती है. यह अस्वीकार्य है. हम सरकार से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं.
इसी तरह मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने ट्वीट किया, 'मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणास्पद भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं. भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'
बता दें कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने नवंबर 2023 में राष्ट्रपति का पद संभाला. इतना ही नहीं उन्होंने अपने चुनाव अभियान में कहा था कि वह अपने द्वीप राष्ट्र में लगभग 75 भारतीय सैन्य कर्मियों की एक छोटी टुकड़ी को हटा देंगे और मालदीव की भारत पहले नीति को बदल देंगे. वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुइज्जू का सोमवार को चीन का दौरा करने का कार्यक्रम है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आमंत्रित किया है और दोनों पक्षों को राजनीति, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और हरित विकास के क्षेत्र में सहकारी समझौतों की एक श्रृंखला तक पहुंचने की उम्मीद है. साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर बढ़ावा देने की भी उम्मीद है.
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