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भारत ने चीन-पाकिस्तान संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर के जिक्र को सिरे से खारिज किया

भारत ने चीन और पाकिस्तान के संयुक्त बयान (joint statement of china and pakistan) में जम्मू कश्मीर तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने वाले एक आर्थिक गलियारे के जिक्र को बुधवार को दृढ़ता से खारिज किया. कहा कि क्षेत्र तथा केन्द्र शासित राज्य लद्दाख भारत के अभिन्न तथा अविभाज्य हिस्से रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे.

Foreign Ministry spokesperson Arindam Bagchi
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची

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Published : Feb 9, 2022, 10:22 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Foreign Ministry spokesperson Arindam Bagchi) ने एक बयान में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के जिक्र के संदर्भ में कहा कि भारत ने चीन और पाकिस्तान को परियोजनाओं पर अपनी चिंताओं से लगातार अवगत कराया है. उन्होंने कहा कि भारत इस्लामाबाद के अवैध कब्जे वाले स्थानों पर अन्य देशों तथा पाकिस्तान द्वारा यथास्थिति को बदलने की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध करता है.

एक प्रश्न के उत्तर में बागची ने कहा कि भारत उम्मीद करता है कि भारत के आंतरिक मामलों में संबंधित पक्ष हस्तक्षेप नहीं करें. गौरतलब है कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बीजिंग में मुलाकात के बाद छह फरवरी को एक संयुक्त बयान जारी किया गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर और तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के जिक्र पर गौर किया है. हमने इस तरह के जिक्र को (joint statement of china and pakistan) हमेशा खारिज किया है और चीन और पाकिस्तान हमारे रूख को भली भांति जानते हैं.

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इस मामले में भी हम संयुक्त बयान में जम्मू कश्मीर के जिक्र को खारिज करते हैं. केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा केन्द्र शासित क्षेत्र लद्दाख भारत के अभिन्न तथा अविभाज्य हिस्से रहे हैं, हैं और हमेशा रहेंगे. बागची ने सीपेक पर कहा कि तथाकथित सीपेक में परियोजनाओं पर हमने अपनी चिंताएं हमेशा चीन और पाकिस्तान के समक्ष उठाई हैं, जो भारतीय क्षेत्र में हैं और जिस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले स्थानों पर यथा स्थिति बदलने के अन्य देशों तथा पाकिस्तान की किसी भी कोशिश का कड़ाई से विरोध करते हैं. हम संबंधित पक्षों से ऐसी गतिविधियां रोकने की मांग करते हैं.

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