नई दिल्ली :देश में कोरोना के कारण मौजूदा हालात को लेकर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि भारत सिर्फ कोरोनवायरस की चपेट में नहीं है, बल्कि 'विचारधारा के वायरस' की चपेट में है क्योंकि सरकार इनकार की मुद्रा में है.
ये बात कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, जयराम रमेश, सैम पित्रोदा ने कोरोना के हालात और राहत कार्यों को लेकर चर्चा के दौरान कही.
जयराम रमेश ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री ने लक्ष्य निर्धारित किया था कि अगस्त 2021 तक तीन करोड़ भारतीयों को टीका लगा दिया जाएगा. आज तक सिर्फ 10 प्रतिशत लक्ष्य ही हासिल किया गया है. यह बाजार के अर्थशास्त्र के बारे में सोचने का समय नहीं है. यह राष्ट्रीय आपातकाल है.'
उन्होंने कहा कि 'हम न सिर्फ कोविड वायरस की चपेट में हैं बल्कि विचारधारा के वायरस की चपेट में हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र को संदेह से देखता है, जो सोचता है कि यह बाजार अर्थशास्त्र का समय है. हमे लोगों का टीकाकरण करना चाहिए.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा, 'पूरी सरकारी मशीनरी अभी इनकार की मुद्रा में है, यह राज्य का पतन है. आप समाधान ट्रैक पर तब तक नहीं जा सकते हैं जब तक आप यह पहचान नहीं लेते कि समस्या क्या है. यह ऐसा समय है जब विशाल सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है.'
इस बीच सरकार को सुझाव देते हुए सैम पित्रोदा ने कहा, 'हमें लोगों की आवाज़ अवश्य सुननी चाहिए, हमें लोगों के विचार जानने चाहिए, हमारे पास वैज्ञानिक मानसिकता होनी चाहिए.'
उन्होंने सुझाव दिया कि डोमेन विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय विश्वसनीय टीम को तथ्य और सच्चाई बताने के लिए सरकार की ओर से दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करनी चाहिए. यह राजनीतिक ना होकर पेशेवर होनी चाहिए.'
टीकाकरण अभियान की आवश्यकता पर उन्होंने कहा, 'सभी उत्पादन सुविधाओं का बंदोबस्त करना चाहिए क्योंकि यह निजी या सरकारी के बारे में नहीं बल्कि राष्ट्रीय आपातकाल के बारे में है. निजी को उनके उचित लाभ दें, लेकिन इसे राष्ट्रीय आपातकालीन उत्पादन लाइन के रूप में चलाएं. इसका एक हिस्सा सभी के लिए एक मूल्य होगा. हमारे पास यह 3-स्तरीय मूल्य प्रणाली नहीं हो सकती.'