नई दिल्ली: इस सप्ताह जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत के औद्योगिक उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी हुई है. जैसा कि औद्योगिक उत्पादन को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के रूप में मापते हैं. जिसमें फरवरी 2022 में 1.7% की वृद्धि हुई है जबकि फरवरी 2021 में निगेटिव ग्रोथ थी. पिछले दो वर्षों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बड़े पैमाने पर लिक्विडिटी इंफ्युजन और ओमीक्रोन संस्करण वाली तीसरी लहर के कम प्रभाव के बावजूद आईआईपी में सिर्फ 1.7% की वृद्धि निराशाजनक है. हालांकि एक साल पूर्व नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई थी और इस साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की तुलना में यह कम है.
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा का कहना है कि जब आर्थिक सुधार का विश्लेषण करने की बात आती है तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में वृद्धि निराशाजनक तस्वीर पेश करती है. उदाहरण के लिए आईआईपी में सबसे बड़े घटक विनिर्माण क्षेत्र ने केवल 80 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि दर्ज की है जबकि खनन और बिजली ने फरवरी में 4.5% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है. उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार छह खंडों में से चार अर्थात प्राथमिक सामान, पूंजीगत सामान, मध्यवर्ती सामान और बुनियादी ढांचे के सामान में फरवरी माह में पॉजिटिव वृद्धि देखी गई.
बुनियादी ढांचे के सामान कुछ उम्मीद देते हैं:आईआईपी में सबसे उल्लेखनीय सुधार बुनियादी ढांचे के सामान का उत्पादन था, जिसने फरवरी में 9.4% की वृद्धि दर्ज की क्योंकि केंद्र ने पिछले बजट में देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटित किया था. लेकिन अर्थव्यवस्था के साथ सब ठीक नहीं है. उदाहरण के लिए, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और नॉनड्यूरेबल्स दोनों ने फरवरी में 8.2% और 5.5% का संकुचन दर्ज की गई है.