दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक से भारत में आर्थिक कमजोरी के संकेत

इस सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत का औद्योगिक उत्पादन अर्थात औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में फरवरी 2022 में 1.7% की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है. जो कि पिछले साल की तुलना में बेहतर है परंतु अर्थशास्त्री निराशाजनक मानते हैं. विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें ईटीवी भारत ब्यूरो की रिपोर्ट..

औद्योगिक उत्पादन
औद्योगिक उत्पादन

By

Published : Apr 14, 2022, 7:57 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 8:09 AM IST

नई दिल्ली: इस सप्ताह जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत के औद्योगिक उत्पादन में मामूली बढ़ोतरी हुई है. जैसा कि औद्योगिक उत्पादन को औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के रूप में मापते हैं. जिसमें फरवरी 2022 में 1.7% की वृद्धि हुई है जबकि फरवरी 2021 में निगेटिव ग्रोथ थी. पिछले दो वर्षों में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बड़े पैमाने पर लिक्विडिटी इंफ्युजन और ओमीक्रोन संस्करण वाली तीसरी लहर के कम प्रभाव के बावजूद आईआईपी में सिर्फ 1.7% की वृद्धि निराशाजनक है. हालांकि एक साल पूर्व नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई थी और इस साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की तुलना में यह कम है.

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा का कहना है कि जब आर्थिक सुधार का विश्लेषण करने की बात आती है तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में वृद्धि निराशाजनक तस्वीर पेश करती है. उदाहरण के लिए आईआईपी में सबसे बड़े घटक विनिर्माण क्षेत्र ने केवल 80 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि दर्ज की है जबकि खनन और बिजली ने फरवरी में 4.5% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है. उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार छह खंडों में से चार अर्थात प्राथमिक सामान, पूंजीगत सामान, मध्यवर्ती सामान और बुनियादी ढांचे के सामान में फरवरी माह में पॉजिटिव वृद्धि देखी गई.

बुनियादी ढांचे के सामान कुछ उम्मीद देते हैं:आईआईपी में सबसे उल्लेखनीय सुधार बुनियादी ढांचे के सामान का उत्पादन था, जिसने फरवरी में 9.4% की वृद्धि दर्ज की क्योंकि केंद्र ने पिछले बजट में देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए रिकॉर्ड बजट आवंटित किया था. लेकिन अर्थव्यवस्था के साथ सब ठीक नहीं है. उदाहरण के लिए, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और नॉनड्यूरेबल्स दोनों ने फरवरी में 8.2% और 5.5% का संकुचन दर्ज की गई है.

कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के उत्पादन में लगातार पांचवां महीना गिरावट दर्ज:उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में पिछले कुछ महीनों में कमजोर वृद्धि के बावजूद फरवरी महीने में उत्पादन सिकुड़ा है. अर्थशास्त्रियों के अनुसार कमजोर निजी क्षेत्र की खपत, जो मांग पक्ष से देश की आर्थिक वृद्धि का सबसे बड़ा घटक है, आर्थिक सुधार के लिए सबसे बड़ा जोखिम है. यह इस साल फरवरी में देश में पूंजीगत वस्तुओं के कमजोर उत्पादन में भी परिलक्षित होता है.

देश में बिजली के उत्पादन के अलावा विनिर्माण और खनन जैसे दो अन्य क्षेत्रों ने फरवरी 2020 में अपने उत्पादन की तुलना में इस साल फरवरी में कम उत्पादन दर्ज किया जब कोविड महामारी देश में नहीं आई थी. इसी तरह बुनियादी ढांचे के सामानों के उत्पादन के अलावा फरवरी 2022 में अन्य सभी उपयोग-आधारित खंडों का औद्योगिक उत्पादन पूर्व-कोविड स्तर से भी कम दर्ज की गई. इस साल फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के कारण पिछले कई महीनों से ठप पड़ा औद्योगिक उत्पादन में अगले कुछ महीनों तक कमजोरी के आसार हैं. इन सब परिदृश्य में त्वरित समाधान का कोई संकेत नहीं दिखाता है.

यह भी पढ़ें-Explainer:भारत की खुदरा मुद्रास्फीति क्यों बढ़ रही है?

Last Updated : Apr 14, 2022, 8:09 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details