नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने भारत और चीन के बीच दो दिवसीय सैन्य वार्ता समाप्त होने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लंबित मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए विचारों का खुलकर एवं रचनात्मक आदान-प्रदान किया. उसने बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से संवाद एवं वार्ता की लय बनाए रखने पर सहमति जताई. वार्ता के दौरान कोई बड़ी सफलता मिलने का स्पष्ट संकेत नहीं मिला.
दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था. कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं आपस में स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया. यह वार्ता दोनों देशों के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा मुहैया कराए गए निर्देशों के अनुसार की गई और इस दौरान 13-14 अगस्त को हुई कोर कमांडर स्तर की बैठक के पिछले दौर में हुई प्रगति को आगे बढ़ाया गया.'