नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को 100 करोड़ से अधिक आबादी को कोविड-19 टीके लगाने का ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया. भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने विश्वास व्यक्त किया है कि भारत निश्चित रूप से इस साल दिसंबर तक सभी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल (Dr. JA Jayalal) ने 'ईटीवी भारत' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि 'मुझे विश्वास है कि इस साल दिसंबर तक भारत 18 साल से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण करने में सक्षम होगा. हालांकि टीकाकरण प्रक्रिया पर सभी अवैज्ञानिक वार्ताओं को सरकार द्वारा रद्द करने की आवश्यकता है.' उन्होंने कहा कि जब भारत ने 16 जनवरी को राष्ट्रीय टीकाकरण प्रक्रिया शुरू की थी तब टीकों को लेकर काफी हिचकिचाहट थी और लोग हिचकिचाहट दिखा रहे थे. जयलाल ने कहा, 'टीके सुरक्षित हैं यह दिखाने के लिए हम (आईएमए) और हमारे सभी सदस्य आगे आए.'
आंकड़ों के मुताबिक 18-44 वर्ष आयु के बीच के 56,76,16,345 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. 45-60 वर्ष की आयु के 28,05,12,540 लोगों और 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के 17,08,96,276 लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया गया है.
आंकड़ों के मुताबिक 70,95,52,033 लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है. 87,725 टीकाकरण केंद्रों से 29,36,52,256 लोगों को दूसरी खुराक देकर भारत ने टीकाकरण में 100 करोड़ का आंकड़ा हासिल कर लिया है. वैक्सीनेशन सेंटर की बात की जाए तो 85,215 सरकारी जबकि 2,510 निजी टीकाकरण केंद्र हैं.
'पहली और दूसरी खुराक की संख्या का अंतर कम करना होगा'
संगठित चिकित्सा अकादमिक गिल्ड (ओएमएजी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीला गर्ग ने कहा, 'टीके की पहली और दूसरी खुराक प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या में बहुत बड़ा अंतर है. हमें इस अंतर को कम करना होगा ताकि हम इस साल दिसंबर तक सभी वयस्क आबादी को टीकाकरण के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें.'
2010 से 2020 तक आंकड़े बताते हैं कि 26.16 प्रतिशत जनसंख्या 0-14 वर्ष के आयु वर्ग में आती है. 67.27 प्रतिशत लोग 15-64 आयु वर्ग में आते हैं जबकि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में 6.57 प्रतिशत लोग आते हैं.
डब्ल्यूएचओ में भारतीय सलाहकार डॉ. गर्ग ने कहा, 'इस साल दिसंबर तक सभी वयस्क आबादी को टीका लगाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, हमें अन्य टीकों की उपलब्धता में भी तेजी लाने की जरूरत है.'