नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूनान के अपने समकक्ष निकोस डेंडियास के साथ विस्तृत चर्चा की जिसमें दोनों पक्षों ने कट्टरपंथ, हिंसक चरमपंथ और सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद द्वारा उत्पन्न खतरों की बात स्वीकार की. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
जयशंकर तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को यूनान गए थे. दिल्ली में विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर विचारों का व्यापक आदान प्रदान किया.
इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने कारोबार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृति, शैक्षणिक विषयों एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क सहित विविध क्षेत्रों में जारी सहयोग पर संतोष व्यक्त किया तथा इन क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एवं यूनान ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि कानून का शासन एवं सम्प्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी सिद्धांत हैं और इनका पालन किया जाना चाहिए.
बयान में कहा गया है, दोनों देशों ने कट्टरपंथ, हिंसक चरमपंथ तथा सीमापार आतंकवाद सहित आतंकवाद द्वारा उत्पन्न खतरों को स्वीकारा. इन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके किसी स्वरूप को उचित नहीं ठहराया जा सकता है.