नई दिल्ली : आयकर विभाग ने चेन्नई के एक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी समूह के ठिकानों पर छापा मार कर एक हजार करोड़ रुपये के कालेधन और संभावित बेनामी संपत्ति का पता लगाया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी) ने चार नवंबर की इस कार्रवाई की जानकारी शनिवार को दी.
विभाग ने चेन्नई और मदुरै में पांच ठिकानों पर तलाशी ली गई. सीबीडीटी के बयान के मुताबिक इस अभियान में करीब एक हजार करोड़ रुपये की ऐसी आय का पता चला है जिसका हिसाब सरकार को नहीं दिया गया था. इसमें से अतिरिक्त आय के रूप 337 करोड़ रुपये का ब्योरा पहले दिया जा चुका था. इसके अलावा बेनामी संपत्ति एवं कालाधन संबंधी अधिनियमों के तहत कुछ और मुद्दे भी सामने आए हैं.
इस कार्रवाई में सिंगापुर की एक कंपनी में निवेश का मामला भी हाथ लगा है. इस कंपनी के शेयर दो कंपनियों के नाम है. इनमें एक इसी समूह की कंपनी है और दूसरी बुनियादी ढांचा विकास एवं कर्ज का कारोबार करने वाले एक बड़े प्रतिष्ठान की अनुषंगी कंपनी है.
बयान में कहा गया है कि जो कंपनी छापे में फंसे समूह की है, वह सिंगापुर में पंजीकृत कंपनी में छोटी रकम का निवेश कर 72 प्रतिशत की हिस्सेदार बन गयी जबकि करीब-करीब पूरी शेयर पूंजी का निवेश करने वाली दूसरी कंपनी के पास उसके केवल 28 प्रतिशत शेयर ही हैं.
इस तरह इस निवेश में इस समूह को कई करोड़ सिंगापुरी डॉलर की कमाई हुई, जिसका रुपये में मूल्य करीब 200 करोड़ है. आयकर विभाग के समक्ष इस लाभ का विवरण नहीं दिया गया. इस प्रकार की निवेश आय को भारत में कर वसूली के दायरे में रखा जाता है. इस निवेश का वर्तमान मूल्य 354 करोड़ रुपये आंका गया है.