चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अति विशिष्ट (वीआइपी) लोगों की सुरक्षा को कम करने के मामले में पंजाब सरकार को नए सिरे से खतरे का आंकलन कर सुरक्षा दिए जाने के आदेश दे दिए हैं. मई माह में पंजाब सरकार द्वारा 424 वीआइपी लोगों की सुरक्षा कम या पूरी तरह से खत्म कर दी थी. मंगलवार को हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को उन सभी पर नए सिरे से खतरे का आंकलन कर सुरक्षा दिए जाने के आदेश दे दिए हैं. हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों से सलाह मशविरा करने के बाद ही ऐसा फैसला लेने को कहा है. हाई कोर्ट ने सुरक्षा लीक पर भी चिंता जताई है. हाईकोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक की जा रही जानकारी कई लोगों को जोखिम में डाल सकती है. शरारती तत्व इसका फायदा उठा सकते हैं.
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हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए हैं कि जब तक नए सिरे से आंकलन नहीं हो जाता है तब तक मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था जारी रहेगी. लेकिन जिनकी सुरक्षा पूरी वापस ले ली गई थी, उनकी सुरक्षा में एक-एक सुरक्षाकर्मी तैनात करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस राज मोहन सिंह ने इस मामले को लेकर 45 याचिकाओं का निपटारा करते हुए पंजाब सरकार को यह आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सुरक्षा किसी का अधिकार नहीं है और न ही रुतबे और स्टेटस के लिए सुरक्षा दी जा सकती है. सुरक्षा खतरे का आंकलन करने के बाद उन्हें ही दी जाए, जिनकी सुरक्षा को वास्तविक खतरा है.