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भारत में वास्तविकता का अर्थ है करप्शन और गंदी सड़कें: नारायण मूर्ति - GMRIT में एनआर नारायण मूर्ति

इन्फोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में जीएमआरआईटी के एक समारोह में कहा कि भारत में वास्तविकता का मतलब है भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें और प्रदूषण.

Etv BharatReality in India means corruption and dirty roads: Narayana Murthy (file photo)
Etv Bharatभारत में वास्तविकता का अर्थ है करप्शन और गंदी सड़कें: नारायण मूर्ति (फाइल फोटो)

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Published : Dec 19, 2022, 12:22 PM IST

विजयनगरम: इन्फोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने जीएमआरआईटी के रजत जयंती वर्ष समारोह में कहा कि भारत में वास्तविकता का मतलब भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें और प्रदूषण है. वहीं, सिंगापुर में इसका मतलब साफ सड़कें और प्रदूषण मुक्त वातावरण है. छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को किसी अभाव को बदलाव के एक मौके के रूप में देखना चाहिए. उसे स्वयं की कल्पना एक अगुवा के रूप में करनी चाहिए. साथ ही किसी और के द्वारा बदलाव किए जाने का इंतजार नहीं करना चाहिए.

एन.आर. नारायण मूर्ति ने कहा कि वास्तविकता ये है कि 'आप क्या बनाते हैं.' संस्थान की एक प्रेस विज्ञप्ति में नारायण मूर्ति के हवाले से कहा गया कि 'भारत में वास्तविकता का मतलब होता है भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें, प्रदूषण और कई बार बिजली न होना. हालांकि, सिंगापुर में वास्तविकता का अर्थ है स्वच्छ सड़कें, प्रदूषण मुक्त वातावरण और पर्याप्त बिजली की उपलब्धता. इसलिए उस नई वास्तविकता को बनाने की जिम्मेदारी आपकी है.' नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि युवाओं को समाज में बदलाव लाने की मानसिकता विकसित करनी चाहिए, जनता, समाज और राष्ट्र के हित को अपने निजी हित से ऊपर रखना सीखना चाहिए.

नारायण मूर्ति के हवाले संस्थान की ओर से कहा गया, 'भारत में वास्तविकता का मतलब होता है भ्रष्टाचार, गंदी सड़कें, प्रदूषण और कई बार बिजली न होना. जबकि, सिंगापुर में वास्तविकता का मतलब है स्वच्छ सड़कें, प्रदूषण मुक्त वातावरण और बहुत सारी बिजली की उपलब्धता. इसलिए, उस नई वास्तविकता को बनाने की जिम्मेदारी आपकी है.' इस कार्यक्रम में नारायणमूर्ति ने कंपनी के अध्यक्ष के रूप में अपने सबसे बड़े अफसोस का खुलासा किया. मूर्ति ने कहा कि वह गलत थे कि संस्थापकों के बच्चों को कंपनी की मैनेजमेंट भूमिकाओं में शामिल नहीं होना चाहिए. मूर्ति ने कहा कि अगली पीढ़ी के प्रमोटर ग्रुप को इंफोसिस से बाहर रखना गलत था.

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नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि युवाओं को सोसाइटी में परिवर्तन लाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्हें सोसाइटी और देश को आगे रखने के बारे में सोचना चाहिए न कि निजी हितों के बारे में. जीएमआर ग्रुप के चेयरमैन जीएम राव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और जब संभव हो तो बिजनेसमैन बनकर ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा करनी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा नौकरियां पैदा करके ही गरीबी मिटाई और पिछड़ों की मदद की जा सकती है. वहीं जीएमआर ग्रुप के चेयरमैन जीएम राव ने कहा कि युवाओं के लिए नारायण मूर्ति एक प्रेरणा हैं. इंफोसिस की स्थापना आज से 41 साल पहले की गई थी. यह भारत की बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है. एनआर नारायणमूर्ति, नंदन एम निलेकणी, एस गोपालकृष्णन, एसडी शिभुलाल और के दिनेश इसके संस्थापक सदस्य थे.

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