राजौरी/जम्मू :जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक विस्फोटक उपकरण आईईडी का समय पर पता चलने से एक बड़ा हादसा टल गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी (IED recovered in Rajouri jammu kashmir).
उन्होंने बताया कि बुढाल इलाके के दंडोटे गांव में तलाशी अभियान के दौरान एक आईईडी बरामद किया गया. डांगरी गांव में हाल में हुए आतंकवादी हमले के बाद राजौरी में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. हमले में सात नागरिकों की मौत हो गई थी और 14 अन्य घायल हो गए थे.
राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मोहम्मद असलम ने घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान आईईडी बरामद होने की पुष्टि की और कहा कि बाद में बम निरोधक दस्ते के विशेषज्ञों द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया. इलाके में घेराबंदी और तलाशी अभियान अभी भी जारी है.
गौरतलब है कि राजौरी के डांगरी में बीते दिनों बड़े आतंकी हमले में छह नागरिकों की जान चली गई थी. हमले के एक घायल ने रविवार को दम तोड़ दिया. रविवार रात आतंकी हिंदू परिवारों के तीन घरों में घुस गए फिर उन्होंने घरों के अंदर मौजूद सभी को गोली मार दी. उन्हें मारने से पहले आतंकियों ने पीड़ित के आईडी कार्ड की जांच की थी.
बाद में सोमवार की सुबह जब स्थानीय लोग अपराध स्थल पर एकत्र हुए, तो आतंकवादियों द्वारा लगाए गए एक आईईडी में विस्फोट हो गया. इसमें दो लोगों की जान चली गई थी. उस दौरान भी स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों ने एक और आईईडी बरामद किया था और विस्फोट होने से पहले उसे निष्क्रिय कर दिया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल आतंकवादियों के बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी. यूटी सरकार ने आतंकी हमले के पीड़ितों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी थी.
पढ़ें- जम्मू कश्मीर : राजौरी आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर सात हुई
वहीं सुरक्षा की बात की जाए तो केंद्र सरकार ने राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ की 18 से अधिक अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है, जिनमें 1800 जवान शामिल हैं. सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ियों ने राजौरी और पुंछ पहुंचते ही बंकर और पोस्ट बनाने का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है.