नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से सभी प्रमुख आयात सौदों को या तो रोक दिया गया है या रद्द कर दिया गया है. ऐसे में अब भारतीय वायु सेना, मेक इन इंडिया के तहत अपने 'प्रोजेक्ट चीता' के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रही है, जहां भारतीय रक्षा निर्माता इजरायली हेरॉन ड्रोन को स्ट्राइक क्षमताओं से लैस करेंगे. महत्वाकांक्षी परियोजना चीता के तहत, भारतीय वायु सेना अपने मौजूदा इजरायली मूल के हेरॉन मानव रहित हवाई वाहनों को बेहतर संचार सुविधाओं और मिसाइलों के साथ उन्नत करना चाहती है, जो लंबी दूरी से दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकती हैं.
सरकारी सूत्रों ने बताया, "अब, भारतीय वायुसेना मेक इन इंडिया के तहत रक्षा में भारतीय रक्षा फर्मों को शामिल करके अपने ड्रोन के उन्नयन के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रही है." भारतीय वायुसेना का उस परियोजना में मुख्य नेतृत्व है, जिसके तहत नौसेना और सेना में इजरायली ड्रोन को भी स्ट्राइक क्षमताओं और बेहतर निगरानी सहित टोही पॉड्स के साथ अपग्रेड करने की योजना है. लंबे समय से तीनों सेवाएं टोही और जासूसी उद्देश्यों के लिए वायुसेना इजरायली निर्मित खोजकर्ता II और हेरॉन यूएवी पर निर्भर हैं.