कानपुर: उत्तरप्रदेश के कानपुर से मानव तस्करी का मामला सामने आया है. 6 महीने पहले यहां नौकरी की तलाश में घूम रहे सुरेश मांझी नाम के युवक को उसके परिचित ने ही बंधक बनाकर हाथ-पैर तोड़ दिए और उसके आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. आरोपी ने उसे गर्म एसिड से कई बार जलाया. जब सुरेश विकलांग हो गया तो उसे दिल्ली के एक भिखारी गैंग के लीडर के पास में बेच दिया. वहां भिखारियों के गैंग चलाने वाले ने उसे दूसरे गैंग से 70 हजार रुपये बेच दिया.
दिल्ली में एसिड से हुए जख्म के कारण जब सुरेश मांझी की हालत बिगड़ गई तो भीख मंगवाने वाले गैंग के लीडर ने उसे दोबारा कानपुर लाकर छोड़ दिया. शुक्रवार को स्थानीय पार्षद प्रशांत शुक्ला की उस पर नजर पड़ी तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ. इसके बाद सुरेश ने स्थानीय पार्षद की मदद से नौबस्ता थाने में तहरीर दी और अपनी कहानी बताई. एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस ने मामले जांच शुरू कर दी है. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने भी जल्द ही भीख मंगवाने वाले गैंग का खुलासा करने का दावा किया है.
कहानी के दो विलेन:(1). सुरेश मांझी की दर्दभरी कहानी का पहला विलेन उसका परिचित मछरिया गुलाबी बिल्डिंग निवासी विजय है. शिकायत के अनुसार विजय ने ही 6 महीने पहले झकरकटी पुल के नीचे उसे बंधक बनाया फिर पीट-पीटकर हाथ-पैर के पंजे तोड़ दिए. आंखों में केमिकल डालकर अंधा कर दिया. इस दौरान शरीर को कई जगह दागा भी.
(2.) सुरेश मांझी के दर्द को बढ़ाने वाला दूसरा विलेन दिल्ली में रहने वाला राज नामक शख्स है. शिकायत के अनुसार, आरोपी विजय ने एसिड से जलाने और हाथ-पैर तोड़ने के बाद सुरेश को 70 हजार रुपये में राज नाम के युवक को बेच दिया था. वह दिल्ली में सुरेश से भीख मंगवा रहा था. राज ने भी एसिड से उसे जलाया और किसी भीख मांगने वाले दूसरे गैंग को 70 हजार में बेच दिया.