अगरतला : प्लास्टिक के उपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति से निपटने के लिए अगरतला स्मार्ट सिटी मिशन लिमिटेड ने एक अनूठी पहल की है. त्रिपुरा राज्य की पहली प्लास्टिक सड़क का निर्माण महिला कॉलेज और बोधजंग स्कूल को जोड़ने वाले अगरतला शहर में किया जा रहा है. यह लंबाई के हिसाब से मेघालय के बाद नॉर्थ ईस्ट में दूसरा ऐसा प्रोजेक्ट होगा.
इस मुद्दे पर बोलते हुए अगरतला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शैलेश कुमार यादव ने कहा कि प्लास्टिक रोड सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने की एक अभिनव अवधारणा है. जिस तरह बिटोमाइन में पत्थर का इस्तेमाल किया जाता है उसी तरह से एक निश्चित मात्रा में प्लास्टिक के कचरे का इस्तेमाल पत्थर के साथ-साथ अंतिम मिश्रण में किया जाता है. इसका इस्तेमाल सड़क में 60:40 के अनुपात में मिश्रण करके कारपेटिंग के लिए किया जाता है.
बारिश के क्षेत्र में प्रभावी सड़क
परियोजना की बावत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेघालय में एक ऐसी सड़क का निर्माण किया गया था और मुख्यमंत्री यहां अगरतला में भी इस तरह की एक परियोजना बनाना चाहते थे. इसलिए बीके रोड का पुनरुत्थान इस तरह से किया जा रहा है कि इसे अगरतला स्मार्ट सिटी के तहत लाया जाए. सिटी मिशन के सीईओ यादव ने कहा कि 70 लाख रुपये की लागत वाली 700 मीटर लंबी सड़क अब पूरा होने के कगार पर है. एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यादव ने स्पष्ट किया कि पिछली सड़क की ताकत बिटोमाइन सड़कों के रूप में अच्छी मानी जाती है और यह बारिश वाले क्षेत्रों में प्रभावी हो सकती है.
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यह परियोजना केवल प्रयोग के उद्देश्य से है और इसकी सफलता से यहां इस तरह की और अधिक परियोजनाएं आ सकती हैं. उन्होंने कहा कि हर दिन 19 टन प्लास्टिक कचरा अगरतला में उत्पन्न हो रहा है. इन सभी प्लास्टिक कचरा को पुनर्नवीनीकरण किया जा रहा है और इसके मूल्य के अनुसार बेचा जाता है.