नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. अनियंत्रित होती स्थिति को संभाल पाना अब राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार के लिए भी बड़ी मुसीबत बन गया है.
पश्चिम बंगाल के चुनावी रैलियों को छोड़ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने कमान संभाली लेकिन राज्य सरकार ने कोई खास क़दम नही उठाया. यही वजह है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई है.
दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत
कोरोना वायरस की अनियंत्रित होती स्थिति ने देश की राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया है. राजधानी दिल्ली के कई बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की जान चली गई.
अस्पताल लगातार ऑक्सीजन की मांग करते रहे. चाहे वह दिल्ली का सर गंगाराम अस्पताल हो या फिर मैक्स अस्पताल. काफी अफरा तफरी के बाद अस्पताल को ऑक्सीजन मिल पाई.
बत्रा हॉस्पिटल के प्रबंधक भी पिछले 12 घंटे से लगातार ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ऑक्सीजन की रोजाना की मांग 8000 लीटर है लेकिन उन्हें सिर्फ 500 लीटर सप्लाई मिली है. यहां 350 कोविड-19 मरीज भर्ती हैं.
जयपुर गोल्डन में पिछले 24 घंटे में 20 मरीजों की मौत सिर्फ ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो गई, वहीं लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल भी लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की मांग कर रहा है.
यही नहीं इस तरह की घटनाएं अमृतसर और गुजरात के अस्पतालों में भी घटीं, जहां ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान चली गई. केंद्र सरकार हरकत में तो आई लेकिन काफी देर से. रेलवे की मदद से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया लेकिन तब तक कई मरीजों की जान जा चुकी थी.
ऑक्सीजन की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई की अतिरिक्त सप्लाई के बावजूद भी उसे नियंत्रण में लाना काफी मुश्किल हो गया है. आईसीएमआर के आंकड़ों को अगर देखें तो 24 घंटों में भारत में 3,46,786 नए कोरोना वायरस मरीज एक दिन में आए.
केजरीवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर झूठ पर झूठ बोल रहे : नूपुर
इस संबंध में 'ईटीवी भारत' ने भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार की नाकामियों का पर्दाफाश किया है उससे यह साफ हो गया है कि दिल्ली में किस तरह ऊंची और गंदी राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह समय महामारी का है और सबको साथ मिलकर काम करना होगा.