बेंगलुरु :केंद्रीय मंत्री अमित शाह कर्नाटक राज्य की अपनी एक दिवसीय यात्रा के लिए बेंगलुरु पहुंचे हैं. इसके साथ ही राज्य के विधायकों के दिल की धड़कनें भी बढ़ गई है और वे लॉबी करने में जुट गए हैं. बता दें कि अगले साल यानी 2023 की शुरुआत में प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं. जैसा कि जानते हैं कि अमित शाह को भाजपा का चाणक्य कहा जाता है इसलिए यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने बेंगलुरु पहुंचने पर एचएएल हवाई अड्डे पर केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष के बयान के बाद सामने आए नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे को लेकर चल रही चर्चा के बीच अमित शाह का यह दौरा काफी अहम है. इससे पहले संतोष ने कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन भाजपा की ताकत है. उन्होंने कहा था कि इस प्रयोग के पंजाब और गुजरात में अच्छे परिणाम मिले हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि वह शाह से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा, वह राज्य के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में राज्य का दौरा कर रहे हैं, क्योंकि हम चुनावी वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं.
येदियुरप्पा ने आगे कहा कि अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब कर्नाटक पर अधिक ध्यान देंगे. वे आगामी विधानसभा चुनाव में 150 सीटें जीतने के लिए सुझाव और दिशा-निर्देश देंगे. उन्होंने कहा, हम उनके साथ चर्चा करेंगे. उन्होंने आगे कहा, विधानसभा चुनाव के लिए मौजूदा विधायक के टिकट पर फैसला करना केंद्रीय नेताओं की जिम्मेदारी है. येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार, राज्य भाजपा में नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अच्छा काम कर रहे हैं.
कैबिनेट फेरबदल या विस्तार के लंबे समय से लंबित मुद्दे पर शाह अंतिम फैसला लेने जा रहे हैं. उनकी ओर से येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र को कैबिनेट में शामिल करने को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लेने की उम्मीद है. वह रमेश जारकीहोली को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने पर फैसला करेंगे, जो कथित सेक्स-सीडी कांड के सामने आने के बाद कैबिनेट की कुर्सी गंवा चुके हैं.