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कुंभ मेले में कथित फर्जी टेस्ट रिपोर्ट मामला : हिसार की इस निजी लैब के खिलाफ केस दर्ज

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा (kumbh corona test fraud case) मामले में ईटीवी भारत की पड़ताल में मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस और दिल्ली की डॉ. लाल चादनी लैब का पता तो फर्जी निकला था, लेकिन हिसार की नलवा लैब (hisar nalwa lab) वजूद में थी. हालांकि, कोविड फर्जी टेस्ट मामले में नलवा लैब के संचालक डॉ. जेपी नलवा (Dr JP nalwa) ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. लैब संचालक ने इस मामले में चुप्पी साध ली है.

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Published : Jun 17, 2021, 10:10 PM IST

हिसार/हरिद्वार : उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान एक लाख से ज्यादा कथित कोविड फर्जी टेस्ट (kumbh corona test fraud case) का जो मामला सामने आया है, उसमें हरियाणा के हिसार की नलवा लैब (hisar nalwa lab) का नाम भी सामने आ रहा है. हरिद्वार के नगर कोतवाली में नलवा लैब के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है. गुरुवार को ईटीवी भारत ने इस मामले में नलवा लैब का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन नलवा लैब के संचालक डॉ. जेपी नलवा (Dr JP nalwa) ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने सिर्फ इनता ही कहा कि वे दिल्ली में अपनी सहयोगी लैब से बातचीत कर रहे हैं. उसी के बाद वो कुछ कह पाएंगे.

बता दें कि हरिद्वार कुंभ में करीब एक लाख से ज्यादा कोविड रिपोर्ट संदेह के घेरे में है. दरअसल, हरिद्वार कुंभ में कोरोना कोरोना जांच के लिए 10 लैब को इनपैनल किया गया था. इन 10 में से एक कंपनी मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस (max corporate service) के नाम से थी, जिसकी दो लैब (दिल्ली की डॉ. लालचंदानी और हिसार की नलवा लैब) ने हरिद्वार कुंभ में कोविड टेस्ट किए थे. सबसे ज्यादा गड़बड़झाला इन दोनों टेस्ट की रिपोर्ट में ही आ रही है. हालांकि इस मामले में जांच भी शुरू कर दी गई है.

देखें रिपोर्ट.

दोनों लैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज

हरिद्वार जिलाधिकारी सी. रविशकर के आदेश पर हरिद्वार सीएमओ शंभू नाथ झा ने हरिद्वार की नगर कोतवाली में मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस की दोनों लैब (दिल्ली की डॉ. लालचंदानी और हिसार की नलवा लैब) के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. बुधवार को ईटीवी भारत ने बेवसाइट के जरिए मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस के नोएडा और दिल्ली की डॉ. लालचंदानी लैब का पता निकला. जब ईटीवी भारत की टीम बेवसाइट पर डाले गए पते के अनुसार नोएड और दिल्ली पहुंची तो वहां न तो इस तरह कोई कंपनी थी और नहीं दिल्ली में ऐसी कोई लैब थी.

मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस और लाल चादनी लैब का पता फर्जी

इसके बाद गुरुवार को ईटीवी भारत ने हिसार की नलवा लैब का भी सच जानने की कोशिश. हालांकि नोएडा की मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस और दिल्ली डॉ. लालचंदानी लैब की तरह हिसार की नलवा लैब फर्जी नहीं निकली. हिसार में नलवा लैब है. ईटीवी भारत की टीम ने नलवा लैब के संचालक डॉ. जेपी नलवा से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सिर्फ इनता ही कहा कि पहले वे दिल्ली में अपनी सहयोगी लैब से बात करेंगे, उसी के बाद इस मामले में कुछ जवाब देंगे.

हिसार की प्राइवेट लैबों पर पहले भी खड़े हुए सवाल

बता दें कि हिसार में इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं कि शहर की कुछ प्राइवेट लैब फर्जी रिपोर्ट तैयार कर रही हैं. पिछले साल भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था जब सरकारी लैब में एक दंपती को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट दी थी और उसी दिन एक प्राइवेट लैब ने दंपती की नेगेटिव रिपोर्ट दी थी, जिसे लेकर वे विदेश भी चले गए थे. ऐसे में हिसार की प्राइवेट लैब एक बार फिर सवालों के घेरे में है.

जांच में फर्जीवाड़ा.

क्या है मामला

बता दें कि कुंभ मेला 2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की एक प्राइवेट लैब द्वारा की गई कोरोना जांच अब सवालों के घेरे में आ गई है. क्योंकि कुंभ मेले के दौरान किए गए एक लाख कोरोना टेस्ट रिपोर्ट फर्जी मिले हैं. प्राइवेट लैब द्वारा फर्जी तरीके से श्रद्धालुओं की जांच कर कुंभ मेला प्रशासन को लाखों रुपए का चूना लगाने का प्रयास किया गया है. इस प्राइवेट लैब द्वारा एक ही फोन नंबर को कई श्रद्धालुओं की जांच रिपोर्ट में डाला गया है.

यही नहीं, कई जांच रिपोर्ट में एक ही आधार नंबर का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, एक ही घर से सैकड़ों लोगों की जांच का मामला भी सामने आया है, जो असंभव सा लगता है. क्योंकि सैकड़ों लोगों की रिपोर्ट में घर का एक ही पता डाला गया है. अब इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने जांच कमेटी का गठन कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश के आदेश दिए हैं. इस एक दिल्ली की लैब भी थी, लेकिन ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि दिल्ली में लैब का जो पता दिया गया था, वहां पर कोई लैब ही नहीं है.

जांच में फर्जीवाड़ा.

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ऐसा हुआ था खुलासा

हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट (LIC Agent) के माध्यम से हुआ है. पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली. विपन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था, जिसमें उन्हें बताया गया कि 'आप की रिपोर्ट नेगेटिव आई है'. जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए. क्योंकि उन्होंने कोई कोरोना की कोई जांच ही नहीं कराई थी. ऐसे में विपन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए विपिन ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से शिकायत की.

आईसीएमआर ने दिखाई सतर्कता

आईसीएमआर (ICMR) ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा. यह पूरा मामला यहीं नहीं थमा. इसके बाद उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची. जब उन्होंने पूरे मामले की जांच कराई, तो बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए. स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई. अब एक लाख से ज्यादा जांच संदेह के घेरे में आ चुकी है.

पढ़ें-हरिद्वार कुंभ: कोरोना टेस्टिंग में महाफर्जीवाड़ा, पंजाब के इस शख्स ने खोली जांच घोटाले की पोल

डाटा में सामने आया बड़ा झोल

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने हरिद्वार समेत प्रदेश के अन्य 12 जनपदों में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच हुए कोविड जांच का एक डाटा साझा किया गया है. नौटियाल के मुताबिक इस पूरे डाटा पर अगर ध्यान दें, तो यह साफ पता चलता है कि 1 से 30 अप्रैल, 2021 के बीच उत्तराखंड में हुए कुल कोविड-19 टेस्ट के 58 प्रतिशत टेस्ट हरिद्वार जिले में ही हुए हैं. इसके अलावा इस समय जब हरिद्वार में महाकुंभ मेला चल रहा था, तब भी इस तिथि में हरिद्वार जिले में पॉजिटिविटी रेट उत्तराखंड से 80 प्रतिशत कम था. यह कैसे संभव हो सकता है? यह एक बड़ा सोचने का विषय है.

एक किट से हुई 700 से अधिक सैंपलिंग

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक ही एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग की गई थी. इसके साथ ही टेस्टिंग लिस्ट में सैकड़ों व्यक्तियों के नाम पर एक ही फोन नंबर अंकित था. स्वास्थ्य विभाग की जांच में दूसरे लैब का भी यही हाल सामने आता है. जांच के दौरान लैब में लोगों के नाम-पते और मोबाइल नंबर फर्जी पाए गए हैं. इसके बाद यह मामला साफ हो गया कि कुंभ मेले में फर्जी तरीके से कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव बनाकर आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है.

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