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HAL ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके1 का मेन एयरफ्रेम फैटिग टेस्ट शुरू किया - लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके1

हिन्दुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएल) ने बताया कि उसने ‘एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर’ (एआरडीसी) के ग्राउंट टेस्ट सेंटर में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके1 के ‘एयरफ्रेम’ का परीक्षण शुरू किया है. इसका नाम ‘मेन एयरफ्रेम फैटिग टेस्ट’ (एमएएफटी) है. ये परीक्षण अगले आठ-नौ साल में एलसीए (वायुसेना) एमके1 के एयरफ्रेम पर होंगे. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरूआ की रिपोर्ट..

Light Combat Aircraft
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके1

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Published : Apr 27, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 7:13 PM IST

नई दिल्ली :हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) एमके1 एयरफ्रेम का मेन एयरफ्रेम फैटिग टेस्ट (एमएएफटी), बेंगलुरु स्थित एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिज़ाइन सेंटर (एआरडीसी) के ग्राउंड टेस्ट सेंटर में शुरू किया. यह जानकारी एचएएल ने बुधवार को दी. इस टेस्ट फैसिलिटी का उद्घाटन, एचएएल के इंजीनियरिंग एवं रिसर्च एंड डेवलपमेंट के निदेशक अनूप चैटर्जी द्वारा किया गया था. इसपर बात करते हुए चैटर्जी ने कहा कि, कोविड-19 महामारी के बावजूद, एचएएल निर्धारित समय सीमा के भीतर यह परीक्षण शुरू करने में सक्षम रहा.

दूसरी ओर, एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, आर माधवन और वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) के महानिदेशक गिरीश देओधरे ने एमएएफटी परीक्षण के समय पर शुरू होने पर संतोष व्यक्त किया. वहीं एयर वाइस मार्शल केवीआर राजू लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के बेड़े के होल लाइफ की मंजूरी के लिए एमएएफटी परीक्षण शुरू करने के महत्व का हवाला दिया. साथ ही, उन्होंने टीम से भारतीय वायुसेना की उड़ान आवश्यकताओं को पूरा किए जाने को सुनिश्चित करने के लिए गति बनाए रखने का भी आग्रह किया.

सैन्य उड़ान योग्यता आवश्यकताओं के अनुसार, एमएएफटी को एयरफ्रेम की क्षमता को चार गुना सेवा जीवन का सामना करने के लिए प्रदर्शित करना होगा. ये परीक्षण, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (वायु सेना) एमके1 एयरफ्रेम पर आठ से नौ साल की अवधि में किए जाएंगे. इस परीक्षण के सफल समापन से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके1 एयरफ्रेम, अपने पूर्ण-सेवा जीवन के लिए योग्यता प्राप्त कर लेगा. इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया कि एमएएफटी के लिए इस टेस्ट प्लान और शेड्यूल को संयुक्त रूप से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) के डिजाइनरों और वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) के वैज्ञानिकों द्वारा सैन्य उड़ान योग्यता के लिए क्षेत्रीय केंद्र(आरसीएमए), सेमीलेक के समन्वय से तैयार किया गया है.

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बताया गया कि यह परीक्षण और निरीक्षण, एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (एआरडीसी) और वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) के डिजाइनरों की भागीदारी के साथ वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीएक्यूए) की देखरेख में एआरडीसी द्वारा किया जाएगा. इस मौके पर, एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, आर माधवन, वैमानिकी विकास एजेंसी (एडीए) के महानिदेशक डॉ. गिरीश देओधरे, भारतीय वायुसेना के परियोजना एवं प्रबंधन टीम के निदेशक, एयर मार्शल केवीआर राजू, सेमीलेक के निदेशक, एपीवीएस प्रसाद सहित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल), एडीए, सेमीलेक और ओआरडीएक्यूए के कई अधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : Apr 27, 2022, 7:13 PM IST

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