उधमपुर : उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Northern Army Commander Lt General Upendra Dwivedi) ने बुधवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की जनमुक्ति सेना (PLA) की कार्रवाई ने भारतीय बलों को अपनी क्षमता निर्माण का अवसर दिया है और लद्दाख में सीमा पर हर समय संचालनात्मक तैयारियों का उच्च स्तर बनाए रखने की जरूरत है.
भारतीय और चीन के सैनिकों के बीच जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष का संदर्भ देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पीएलए की आक्रामकता का 'सैनिकों की त्वरित व रणनीतिक तैनाती' से जवाब दिया गया. लेफ्टि. जनरल द्विवेदी ने एक साक्षात्कार में कहा, 'उत्तरी कमान के समक्ष चुनौतियों की प्रकृति को देखते हुए, हर समय (पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर) संचालनात्मक तैयारियों का उच्च स्तर बनाए रखने की जरूरत है.'
सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) उत्तरी कमान के समक्ष वर्षों से आ रही विविध चुनौतियों के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि सेना संचालनात्मक तैयारियों के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा, 'तैयारी के इन स्तरों को बनाए रखने के लिए, हम समाधान प्रदान करने के वास्ते 'आत्मनिर्भरता' का रास्ता अपना रहे हैं.'