नई दिल्ली:भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि आसमान में छाए बादलों, दिल्ली के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं और हल्की बारिश ने शुक्रवार को पारा नियंत्रित रखा. जबकि अगले सप्ताह लू चलने से तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं. दिल्ली के बेस स्टेशन सफदरजंग वेधशाला ने अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो साल के इस समय के लिए सामान्य है. वहीं, न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. स्काईमेट वेदर के मुताबिक, अगले 24 घंटों में देश भर में असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. बाकी पूर्वोत्तर भारत, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक और पश्चिमी हिमालय में हल्की बारिश संभव है. राजस्थान के कुछ हिस्सों में 7 मई तक लू शुरू हो सकती है. विभाग के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत में 7 से 8 मई को लू चल सकती हैं. साथ ही दक्षिण हरियाणा, दक्षिण पश्चिम भारत, मध्य प्रदेश, विदर्भ और दिल्ली में 8 से 9 मई को लू की स्थिति रहेगी.
राष्ट्रीय राजधानी में 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं, जबकि लोधी रोड, सफदरजंग, पीतमपुरा और रिज क्षेत्रों में हल्की बारिश दर्ज की गई. आईएमडी के वैज्ञानिक चरण सिंह ने बताया कि स्थानीय विकास के कारण शहर में 'बहुत हल्की' से 'हल्की' बारिश हुई. अरब सागर या बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के कारण कुछ नमी आ गई है. जिस कारण बादल बन गए हैं इसलिए बारिश हुई है. मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार से तापमान बढ़़ना शुरू हो जाएगा. आईएमडी ने कहा, सोमवार से एक लू चलेगी और मंगलवार को पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. लंबे इंतजार के बाद बुधवार को दिल्ली में छिटपुट जगहों पर ओलावृष्टि और हल्की बारिश देखने को मिली. शहर में गर्म और शुष्क मार्च देखा गया, जिसमें सामान्य तौर पर होने वाली 15.9 मिमी की तुलना में शून्य वर्षा हुई. 12.2 मिमी के मासिक औसत के मुकाबले अप्रैल में 0.3 मिमी बारिश हुई. महीने के अंत में लू ने दिल्ली के कई हिस्सों में पारा 46 और 47 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा दिया था.
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एक ट्रफ रेखा मध्य प्रदेश पर बने चक्रवाती परिसंचरण से विदर्भ, रायलसीमा और तमिलनाडु होते हुए कोमोरिन क्षेत्र तक फैली हुई है. एक अन्य ट्रफ रेखा चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल होते हुए मेघालय तक फैली हुई है. जिसकी वजह से इन क्षेत्रों में बारिश हो सकती है. पिछले 24 घंटों के दौरान, गंगीय पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और केरल, तटीय ओडिशा और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. बाकी केरल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और पूर्वी बिहार में हल्की से मध्यम बारिश हुई. मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, लक्षद्वीप और तमिलनाडु में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश हुई. राजस्थान में धूल भरी आंधी और गरज के साथ हल्की बारिश हुई.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास कम दबाव का क्षेत्र कल बदलेगा तुफान में : दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र (एलपीए) शनिवार शाम तक तेज होकर दबाव में और रविवार शाम तक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. चक्रवाती तूफान में तेज होने के बाद दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना पीए 10 मई तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और उत्तर आंध्र-ओडिशा तटों से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने की संभावना है. इसके प्रभाव के तहत, अगले पांच दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में काफी व्यापक रूप से हल्की / मध्यम वर्षा होने की संभावना है, साथ ही 8 मई तक असम और मेघालय में अलग-अलग क्षेत्रों में गरज के साथ बारिश हो सकती है. आसमानी बिजली गिरने की भी संभावना है.
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आईएमडी ने यह भी भविष्यवाणी की है कि 10 मई को अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में और 9 और 10 मई को असम और मेघालय में भारी बारिश की संभावना है. इसने अगले तीन दिनों के लिए दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर 40-50 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवा की गति का अनुमान लगाया है. मछुआरों को अंडमान सागर में ना उतरने की चेतावनी दी है. 8 मई तक बेहतर आपदा प्रबंधन के दष्टिकोण से, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन को मछली पकड़ने और पर्यटन गतिविधियों को पूरी तरह से रोक देने को कहा है.