नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में बुधवार को कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड को दी गई अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी है. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को तय की है. बता दें, इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी थी और कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने के मामले में उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.
न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना, दीपांकर दत्ता और बीआर गवई की पीठ ने सीतलवाड की याचिका पर सुनवाई की. इससे पहले शनिवार को शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी और याचिकाकर्ता सीतलवाड को गिरफ्तारी से राहत दे दी.
सीतलवाड को गिरफ्तारी से सात दिनों के लिए अंतरिम राहत देते हुए पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले पर नाराजगी जतायी. सुर्पीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश को कुछ समय देना चाहिए था. इसके बाद पीठ ने एक सप्ताह के लिए एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी. फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि एक हफ्ते के लिए भी अंतरिम सुरक्षा न देकर एकल न्यायाधीश पूरी तरह से गलत थे.' उच्चतम न्यायालय ने कहा, जब इस अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है, तो इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ाना आदर्श होता.