नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट में शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की वैधानिक जमानत की मांग की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान शरजील इमाम और दिल्ली पुलिस द्वारा अदालत में लिखित दलील जमा की गई. दोनों की लिखित दलील को कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया. इसके बाद कोर्ट ने मामले को लेकर अगली सुनवाई 2 नवंबर को करने का आदेश दिया.
14 अक्टूबर के लिए टला था फैसला: इससे पहले कोर्ट ने 25 सितंबर को सुनवाई करते हुए जमानत पर अगला फैसला 14 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था. शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 2020 में सीएए के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दंगा भड़काने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत भी इमाम पर मामला दर्ज किया था. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान शरजील की ओर से दलील दी गई कि यूएपीए के तहत अधिकतम सात साल की सजा में से वह आधी सजा काट चुका है. वह 28 जनवरी, 2020 से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है, इसलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए.