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Jamia Voilent Case: भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील इमाम की जमानत याचिका पर फैसला 2 नवंबर को - indian penal code

कड़कड़डूमा कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के आरोपी छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका मामले पर फैसला 2 नवंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया है.

भड़काऊ भाषण देने के आरोपी छात्र शरजील इमाम
भड़काऊ भाषण देने के आरोपी छात्र शरजील इमाम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 14, 2023, 4:31 PM IST

नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट में शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने के एक मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की वैधानिक जमानत की मांग की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान शरजील इमाम और दिल्ली पुलिस द्वारा अदालत में लिखित दलील जमा की गई. दोनों की लिखित दलील को कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया. इसके बाद कोर्ट ने मामले को लेकर अगली सुनवाई 2 नवंबर को करने का आदेश दिया.

14 अक्टूबर के लिए टला था फैसला: इससे पहले कोर्ट ने 25 सितंबर को सुनवाई करते हुए जमानत पर अगला फैसला 14 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था. शरजील इमाम पर दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा द्वारा 2020 में सीएए के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दंगा भड़काने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.

इसके बाद दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत भी इमाम पर मामला दर्ज किया था. सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान शरजील की ओर से दलील दी गई कि यूएपीए के तहत अधिकतम सात साल की सजा में से वह आधी सजा काट चुका है. वह 28 जनवरी, 2020 से न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है, इसलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए.

इमाम के वकील के इस दावे का दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा कि सिर्फ एक अपराध नहीं था, बल्कि कई अपराध थे. आरोपित शरजील के आवेदन के अनुसार, उसने न्यायिक हिरासत में तीन साल और छह महीने बिताए हैं. इस प्रकार उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 436ए के तहत वैधानिक जमानत का हकदार होना चाहिए. आवेदन के अनुसार इमाम अपनी रिहाई पर विश्वसनीय जमानत देने और किसी भी शर्त का पालन करने को तैयार है.

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इन धाराओं में दर्ज हैं मामले:इमाम के खिलाफ आरोपों में आईपीसी के तहत राजद्रोह (धारा 124ए), विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना (धारा 153ए), राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल दावे करना (धारा 153बी), सार्वजनिक उपद्रव के लिए अनुकूल बयान देना (धारा 505) शामिल हैं. इसके अलावा यूएपीए के तहत गैरकानूनी गतिविधियों (धारा 13) के लिए सात साल की सजा का प्रावधान वाली धारा भी शामिल है.

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