मथुरा :जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण को लेकर आठ अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान वादी व प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में उपस्थित होकर अपनी दलीलें पेश कीं. करीब 2 घंटे के बहस के बाद सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई के लिए 25 मई की तारीख निर्धारित कर दी गई.
सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह प्रकरण को लेकर आठ अलग-अलग याचिका मनीष यादव वाद संख्या 152, महेंद्र प्रताप सिंह वाद 950, दिनेश शर्मा वाद 174 ,अनिल त्रिपाठी वाद 252, पवन शास्त्री वाद 107, जितेंद्र सिंह विसेन वाद 620, आशुतोष पांडे 1223, और रंजना अग्निहोत्री वाद संख्या 323 की याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में मनीष यादव की याचिका पर पहले सुनवाई हुई थी. वादी के अधिवक्ता ने याचिका को लेकर पहले 7 रूल 11 पर बहस करते हुए अपनी ओर से तमाम बातें रखी थी. न्यायालय ने दलील सुनने के बाद कहा कि सभी याचिकाओं में अधिवक्ताओं की सहमति बनी तो पहले 7 रूल 11 पर ही सुनवाई होगी. सभी याचिकाओं में 25 मई को अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की गई है.
दिनेश शर्मा के अधिवक्ता का आरोप :अखिल भारत हिंदू महासभा संगठन के द्वारा न्यायालय में दाखिल की गई याचिका 174 को लेकर वादी के अधिवक्ता ने कहा कि न्यायालय से पहले विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से कराने के आदेश किए जाए, क्योंकि कुछ अराजकतत्व विवादित स्थान पर पुराने साक्ष्य को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं.
जमीन लौटाने की मांग : बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्री कृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 मे श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.