दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Bihar Caste Census: जाति आधारित गणना पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला रखा गया सुरक्षित

बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगी.

Bihar Caste Census
Bihar Caste Census

By

Published : Jul 7, 2023, 3:59 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 5:33 PM IST

पटना: राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हुई. कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा है. इस मामले में दायर याचिकायों पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ लगातार पांच दिनों की सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा.

पढ़ें- Bihar Caste Census : राज्य सरकार ने HC में कहा- 'जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा'

जातीय गणना पर सुनवाई पूरी: आज भी राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि ये सर्वे है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों के सम्बन्ध आंकड़ा एकत्रित करना, जिसका उपयोग उनके कल्याण और हितों के लिए किया जाना है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जाति सम्बन्धी सूचना शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश या नौकरियों लेने के समय भी दी जाती है.

ईटीवी भारत GFX.

पटना हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित: एडवोकेट पीके शाही ने कहा कि जातियां समाज का हिस्सा हैं. हर धर्म में अलग अलग जातियां होती हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की कोई अनिवार्य रूप से जानकारी देने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि जातीय सर्वेक्षण का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो गया है. ऐसा सर्वेक्षण राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है.

पीके शाही ने सरकार का रखा पक्ष: उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे सर्वेक्षण से किसी के निजता का उल्लंघन नहीं हो रहा है. महाधिवक्ता शाही ने कहा कि बहुत सी सूचनाएं पहले से ही सार्वजनिक होती हैं. इससे पहले हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार द्वारा की जा रही जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया था. कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है?

कोर्ट ने किया था ये सवाल: कोर्ट ने ये भी पूछा था कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं. साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या. पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है.

ईटीवी भारत GFX

'सर्वेक्षण के उद्देश्य के सम्बन्ध में कुछ नहीं' : याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है. ये असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है. आज की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने इस जातीय सर्वेक्षण के उद्देश्य के सम्बन्ध में कुछ नहीं कहा है.

कैसे मिलेगा लाभ स्पष्ट नहीं : उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर जातीय सर्वेक्षण किया गया. सरकार ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य का 80 फी सदी कार्य पूरा हो गया, पर इसका उद्देश्य स्पष्ट नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के हितों और कल्याण के लिए इस सर्वेक्षण किया जा रहा है, पर ये सर्वेक्षण से आम नागरिकों को किस प्रकार से लाभ मिलेगा, इसे राज्य सरकार ने कहीं भी स्पष्ट नहीं किया गया है.

पांच सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे:अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को ये भी बताया कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है. प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है.

इन अधिवक्ताओं ने कोर्ट में रखा पक्ष: इस मामले पर शीघ्र निर्णय दिये जाने की संभावना है. इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 14 जुलाई, 2023 को सुनवाई होनी है. मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, ऋतिका रानी, अभिनव श्रीवास्तव और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया.

कब- कब क्या- क्या हुआ?नीतीश सरकार 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करा चुकी है. हालांकि केंद्र इसका लगातार विरोध कर रही है. पिछले साल जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया गया था.

ईटीवी भारत GFX.

इसका काम जनवरी 2023 में शुरू हुआ था. अभी दूसरे चरण की जनगणना चल ही रही थी. 15 मई तक दूसरे चरण को पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसपर 3 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी थी. 3 जुलाई से लगातार सुनवाई चलती रही और आज पांचवे दिन कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई.

Last Updated : Jul 7, 2023, 5:33 PM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details