नई दिल्ली:केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और एनआईवी, पुणे द्वारा किए गए एक अध्ययन के बाद पूरे भारत में अलर्ट जारी किया है. अध्ययन के अनुसार भारत में मंकीपॉक्स (एमपीएक्सवी) के संचरण की उच्च संभावना वाले उभरते हुए संस्करण का पता चला है.
भारत में मंकीपॉक्स के अब तक 11 मामले सामने आ चुके हैं. अध्ययन में गैर-स्थानिक देशों में एमपीएक्सवी के प्रकोप ने चिंता जताई और इसके संबंध को समझने के लिए निदान और अनुक्रमण की तैयारी पर जोर दिया है. एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है. स्वास्थ्य सुविधाओं के स्तर पर पूरी तरह से तैयार रहने को निर्देशित किया गया है.'
आईसीएमआर के अध्ययन में कहा गया है कि भारत ने जुलाई 2022 के दौरान संयुक्त अरब अमीरात से लौटने वालों के बीच मंकीपॉक्स के पहले दो मामलों की पहचान की थी. जीनोम अनुक्रम के विश्लेषण से इन मामलों के संक्रमण का पता उप-वर्ग IIb के वंश A.2 से हुआ. वंश में B.1 की तुलना में 80 न्यूक्लियोटाइड परिवर्तन हैं. B.1 वंश जो 2022 का प्रमुख वंश रहा है, यह सुझाव देता है कि एक स्वतंत्र वायरस तनाव उभरता है. अध्ययन में भारत में 10 मंकीपॉक्स मामलों के जीनोमिक और फ़ाइलोजेनेटिक विश्लेषण डेटा की जांच की गई है. अध्ययन से पता चला, 'इन मामलों से प्राप्त सभी एमपीएक्सवी जीनोम अनुक्रम वंश A.2 के थे, जो आगे तीन उप समूहों में बदल गए.'
इसमें कहा गया है कि भारत से A.2 वंश वाला MPXV अनुक्रम जर्मनी, इटली पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड और फ्रांस (वंश B.1) से रिपोर्ट किए गए MPXV अनुक्रम और नाइजीरिया, इज़राइल और सिंगापुर 2017/18 (वंश) से पहले के प्रकोप अनुक्रमों ए.1 से भिन्न है.