चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट से तमिलनाडु की तत्कालीन AIADMK सरकार को झटका लगा है. मद्रास हाईकोर्ट के ताजा आदेश के बाद अब पूर्व सीएम जयललिता (former CM Jayalalithaa) का घर स्मारक नहीं बनाया जा सकेगा. इससे पहले मई, 2020 में तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निवास स्थान 'वेदा निलयम' (Veda Nilayam) पर अस्थाई कब्ज के लिए एक अध्यादेश लाया गया है. सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जयललिता के निवास को स्मारक में बदला जाएगा.
न्यायमूर्ति एन सीशासायी ने इस संपत्ति को स्मारक बनाने के लिए 22 जुलाई 2020 को जारी आदेश रद्द करते हुए अधिकारियों को इस संपत्ति की चाबी याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया. साथ ही उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को भी कर देनदारी याचिकाकर्ताओं से वसूलने की अनुमति दे दी, जो करोड़ों रुपये में है.
अदालत ने इस आदेश के खिलाफ जयललिता की भतीजी जे दीपा जयकुमार और उनके भाई जे दीपक की याचिका स्वीकार करते हुए यह व्यवस्था दी. रिट याचिका स्वीकार कर ली.
सरकार के अनुसार, अध्यादेश के तहत मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की अध्यक्षता में पुराचि थलाइवी डॉ. जे. जयललिता मेमोरियल फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी, जिसमें उपमुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम और अन्य लोग बतौर सदस्य शामिल होंगे. पलानीस्वामी ने जयललिता के निवास को स्मारक में बदलने के सरकार के फैसले की घोषणा पहले ही की थी.