हरिद्वार (उत्तराखंड): मां गंगा को मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी कहा जाता है. जहां-जहां से गंगा नदी गुजरती है, वहां-वहां जीवन को सींचती जाती है. करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक गंगा सदियों से यूं ही बह रही है. गंगोत्री ग्लेशियर से निकलने वाली गंगा कई जल धाराओं और नदियों को लेकर आगे बढ़ती है, लेकिन जैसे-जैसे गंगा आगे बढ़ते हुए मैदानी इलाकों में पहुंचती है, वैसे-वैसे मैली होती जा रही है. जिससे गंगा की निर्मलता और अविरलता खतरे में है. जिसे देखते हुए हरिद्वार गंगा सभा ने एक पहल शुरू करने जा रही है. जिससे न केवल गंगा साफ होगी, बल्कि लोगों को गंगा के दर्शन भी होंगे.
दरअसल, देश ही नहीं दुनिया से लोग गंगा में डुबकी लगाने और पूजा अर्चना करने आते हैं. इसके अलावा गंगा तटों पर हर साल धार्मिक आयोजन और अनुष्ठान होते हैं. मां गंगा के प्रति लोगों की आस्था कितनी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हरिद्वार हो या काशी हो या कोलकाता में श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा तट पर लाखों की तादाद में रोजाना पहुंचती है, लेकिन जो लोग मां गंगा के दर्शन से वंचित रहते हैं. ऐसे लोगों के लिए हरिद्वार की गंगा सभा एक भागीरथ प्रयास कर रही है. इसके तहत देश के अलग-अलग हिस्सों में मां गंगा के मंदिर के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा. गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ इसके लिए पूरा रोड मैप तैयार कर काम में जुट गए हैं.
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विभिन्न शहरों में बनाए जाएंगे भव्य गंगा मंदिरः देश के अन्य राज्यों में भगवान शिव, हनुमान या अन्य देवी-देवताओं के मंदिर काफी मिल जाते हैं, लेकिन ऐसे कम शहर हैं, जहां पर साक्षात गंगा नदी बहती हो या फिर मां गंगा की प्रतिमा या उनके जुड़े मंदिर दिखाई देते हों. गंगा के मंदिरों की संख्या बेहद गिनी चुनी है. हालांकि, ऋषिकेश, हरिद्वार, मुखबा, गंगोत्री और उत्तर प्रदेश के भरतपुर, मुक्तेश्वर समेत अन्य शहरों को छोड़ दें तो जहां से मां गंगा बहती है, उन राज्यों में इक्का-दुक्का मंदिर जरूर देखने को मिल जाते हैं.
ऐसा नहीं है कि गंगा के प्रति उन लोगों की आस्था नहीं है, जहां से गंगा नदी नहीं बहती है. वहां के लोग एक लीटर गंगा जल लेकर जाते हैं तो महीनों तक बूंद-बूंद कर इस्तेमाल करते हैं. हर पूजा पाठ और अनुष्ठान में गंगा जल का विशेष महत्व है. उन्हीं को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ हरिद्वार के अलावा उत्तर प्रदेश के उन शहरों में भी जाकर मां गंगा के मंदिरों की स्थापना की अलख जगा रहे हैं, जहां लोगों में मां गंगा के प्रति आस्था है. इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी उनकी निरंतर बात हो रही है.
तन्मय वशिष्ठ कहते हैं गंगा घाटों पर भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लोग मां गंगा में कितनी आस्था रखते हैं, इसका अनुमान ऋषिकेश, हरिद्वार खासकर हरकी पैड़ी पहुंचने पर पता चलता है. इसी को ध्यान में रखते उन्होंने गंगा के मंदिर या अन्य मंदिरों में मां गंगा की मूर्ति स्थापित करने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के चेन्नई में गंगा जी का मंदिर बनाया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने वहां के स्वामी से संपर्क किया. जिसके बाद मां गंगा के मंदिर को लेकर चर्चा हुई.