पर्वतारोही अभिनीत मौर्य ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराया हरदोई:जनपद के एक मात्र पर्वतारोही अभिनीत मौर्य ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (ऊंचाई 18510फीट) पर 22 अगस्त को सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर तिरंगा फहराकर जनपद एवं देशवासियों को पुनः गौरवान्वित किया है. पर्वतारोही अभिनीत ने माउंट एल्ब्रुस पर 77वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 77 फीट का तिरंगा फहराकर रिकॉर्ड बनाया.
पर्वतारोही अभिनीत चढ़ाई के लिए रात को दस बजे निकले थे. रास्ते में बर्फीली हवाएं और हड्डियों को जमा देने वाले ठंड जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पर्वतारोही ने अपने अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया. पर्वतारोही का मिशन स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर चढ़ाई पूरी करना था. लेकिन, मौसम और कुछ विपरीत परिस्थितियों के कारण रूसी अनुमति न मिलने के कारण इस अभियान को पर्वतारोही अभिनीत देर से पूरा कर पाए.
पर्वतारोही ने बताया कि चढ़ाई के दौरान तापमान -25 डिग्री तक पहुंच गया था और 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही बर्फीली हवा ने भी कई बार रास्ता रोका. लेकिन, देश की शान का ध्यान आते ही मेरा आत्मविश्वास और बढ़ जाता था. चढ़ाई के बाद पूरी तरह थक चुके थे. लेकिन, चोटी पर जैसे ही तिरंगा फहराया हाथ खुद ब खुद सलामी देने के लिए उठ गए. पर्वतारोही अभिनीत ने चोटी पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और उन्होंने वहां पर भारत देश का राष्ट्र गान गाया. इसके साथ ही लोगों को योग के प्रति जागरूक करने के लिए स्वयं सूर्य नमस्कार किया. 8 से 10 दिन की कड़ी मेहनत के बाद पर्वतारोही अपने इस अन्तरराष्ट्रीय अभियान में सफल हुए.
पर्वतारोही अभिनीत के इस अभियान की जानकारी बेस कैंप से मिली. पर्वतारोही 26 अगस्त को देश वापस लौटेंगे. अभिनीत की शानदार सफलता पर कोथावां विकास खंड के उनके गांव आंट-सांट में जश्न जैसा माहौल रहा. जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने अभिनीत और उनके परिवार को शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि अभिनीत ने जनपद और देश को गौरवान्वित किया है. अपनी यात्रा से पूर्व पर्वतारोही अभिनीत ने परिवार के साथ जिलाधिकारी मंगला प्रशाद सिंह से मुलाकात की थी. जिलाधिकारी ने उनका उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें अभियान के लिए शुभकामनाएं दी थीं. हरदोईवासियों ने कहा कि उन्हें अभिनीत मौर्य पर गर्व है और उनकी घर वापसी पर उनका स्वागत और सम्मान वृहद रूप से किया जाएगा.
यह भी पढ़ें:चंद्रयान-3 के कैमरों पर फतेहपुर के वैज्ञानिक सुमित कुमार ने किया काम, चंद्रयान-2 में भी था योगदान