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हरदीप पुरी बोले, दुनिया की सबसे बड़ी योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना, 1.23 करोड़ घर हुए स्वीकृत

आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी (पीएमएवाई-यू) दुनिया की सबसे बड़ी आवास योजना के रूप में उभरी है. बुधवार को राजकोट में प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी पुरस्कार 2021 के अभिनंदन समारोह में बोलते हुये उन्होंने रेखांकित किया कि इस योजना के तहत 1.23 करोड़ घरों को पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है.

हरदीप पुरी बोले, पीएमएवाईयू दुनिया की सबसे बड़ी आवास योजना, 1.23 करोड़ घर हो चुके हैं स्वीकृत
हरदीप पुरी बोले, पीएमएवाईयू दुनिया की सबसे बड़ी आवास योजना, 1.23 करोड़ घर हो चुके हैं स्वीकृत

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Published : Oct 20, 2022, 1:57 PM IST

नई दिल्ली/राजकोट: आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (पीएमएवाईयू) दुनिया की सबसे बड़ी आवास योजना के रूप में उभरी है. बुधवार को राजकोट में प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी पुरस्कार 2021 के अभिनंदन समारोह में बोलते हुये उन्होंने रेखांकित किया कि इस योजना के तहत 1.23 करोड़ घरों को पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है. यह आंकड़ा 2004 से 2014 तक के शासनकाल के 10 वर्षों की तुलना में नौ गुना अधिक है. कुल 64 लाख घर निर्मित करने के बाद सौंपे जा चुके हैं तथा शेष घर भी निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं.

राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शहरी स्थानीय निकायों के शानदार योगदान का मान बढ़ाने के लिये आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने पीएमएवाई-यू के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के संबंध में वार्षिक पुरस्कार शुरू किये हैं. आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप एस. पुरी ने पीएमएवाई-यू पुरस्कार 2021 के विजेताओं को अभिनंदन किया. कार्यक्रम में आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर, तमिल नाडु, गुजरात और असम के शहरी विकास मंत्री, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे. देशभर के आवास निर्माण सेक्टर के हितधारकों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

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प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी को सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद की भावना का सटीक उदाहरण बताते हुये हरदीप एस. पुरी ने कहा कि योजना सहकारी और प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद की भावना का सटीक उदाहरण है, जिसे सफल बनाने के लिये सभी राज्य पूरे उत्साह के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी क्षमता के इस्तेमाल तथा आवासीय योजनाओं को मंजूरी देने के साथ-साथ सभी राज्यों को एक-दूसरे के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करनी चाहिये, ताकि वे इस कार्य में शिखर पर पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि अंत में विजेता तो लोग ही होंगे और खासतौर से वे लोग, जो कमजोर आर्थिक वर्ग तथा कम आय वर्ग वाले हैं.

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पुरी ने कहा कि आज विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने वाला समारोह न केवल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों का मान बढ़ाने का अवसर है, बल्कि यह मेरे लिये राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनके अटल सहयोग के लिये अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का भी अवसर है. पुरी ने कहा कि जून 2015 में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना और नेतृत्व के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी, स्मार्ट सिटी मिशन, अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) तथा स्वच्छ भारत जैसी प्रमुख योजनायें पहले शुरू हुईं और अत्यंत समग्र व योजनाबद्ध शहरीकरण योजना की आधारशिला रखी गई, जो पूरी दुनिया में नायाब है.

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पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की परिकल्पना ने स्वदेशी तथा वैश्विक नवोन्मेषी निर्माण प्रद्यौगिकियों को उत्प्रेरित और प्रोत्साहित करने की दिशा में किये जाने वाले गहन विचार-विमर्शों तथा प्रयासों का नेतृत्व किया है. ऐसे प्रयास किये गये, जिनके तहत जलवायु के तकाजों के साथ समझौता किये बिना तेज तथा गुणवत्तापूर्ण निर्माण में तेजी सुनिश्चित करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके. इसी क्रम में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने मार्च 2019 और अक्टूबर 2021 को क्रमशः वैश्विक आवासन प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (जीएचटीसी-इंडिया) तथा भारतीय आवासन प्रौद्योगिकी मेले (आईएचटीएम) का आयोजन किया. पुरी ने कहा कि इसी श्रृंखला में इस बार राजकोट में भारतीय आवासन सम्मेलन का आयोजन हो रहा है.

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पुरी ने प्रतिभागियों से आग्रह किया किये वे नई प्रौद्योगिकियों और सामग्रियों को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन करें, ताकि स्थानीय संदर्भ में उन्हें सीखा व उन्हें ढाला जा सके. प्रधानमंत्री द्वारा मई 2022 में पहली 'लाइट हाउस' परियोजना (क्षेत्र विशेष को ध्यान में रखते हुये जलवायु और संकटों के अनुकूल लगभग एक हजार आवास निर्माण की योजना) का स्मरण करते हुये पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने में लगे सभी लोगों का मार्गदर्शन करते हुये इन प्रयासों को अगली मंजिल तक पहुंचा. उन्होंने विशेष निर्देश देते हुये कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों, योजनाकारों के लिये इन स्थानीय एलएचजीपी का अध्ययन करने का नियमित कार्यक्रम चलाया जाना चाहिये, ताकि हमारे इंजीनियरों की अगली पीढ़ी इन प्रौद्योगिकियों से परिचित हो सके.

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