बेंगलुरु: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और एलएंडटी के गठजोड़ को न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) से पांच पीएसएलवी रॉकेट बनाने के लिए 860 करोड़ रुपये का अनुबंध मिला है. एनएसआईएल अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा के तहत काम करने वाला एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है. सूत्रों ने बताया कि न्यूस्पेस इंडिया से यह अनुबंध पांच पीएसएलवी रॉकेटों के निर्माण के लिए मिला है. यह रॉकेट भारत का बहुमुखी प्रक्षेपण यान है.
तीन बोलियों के तकनीकी-व्यावसायिक मूल्यांकन के बाद, एचएएल-एलएंडटी गठजोड़ पीएसएलवी के संपूर्ण उत्पादन के लिए तकनीकी रूप से योग्य और एल1 बोलीदाता के रूप में उभरा है. स्पेस पीएसयू न्यूस्पेस इंडिया ने बुधवार को तीन शॉर्टलिस्ट की गई संस्थाओं - एचएएल-एलएंडटी, भेल (एकल फर्म) और बीईएल-अडानी अल्फा डिजाइन-बीईएमएल कंसोर्टियम की वाणिज्यिक बोलियां खोली. एनएसआईएल के एक अधिकारी ने कहा कि हमने अब उत्पादन के लिए उद्योग के साथ सेवा स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि दो साल से भी कम समय में हम इस उद्योग गठजोड़ द्वारा पूरी तरह निर्मित पहला रॉकेट इसरो को देने में सक्षम होंगे. एक सूत्र ने कहा कि विजेता बोली में 824 करोड़ रुपये, भेल ने 1,129 करोड़ रुपये और तीसरे समूह ने 1,218 करोड़ रुपये की बोली लगाई.