वाराणसी: ज्ञानवापी मामले को लेकर सरगर्मी तेज होती जा रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 3 अगस्त को हाईकोर्ट इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है. अब तक 24 जुलाई को 4 घंटे हुए सर्वे के बाद आगे की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. इसके बाद अब 3 अगस्त को यह क्लियर हो जाएगा कि कार्यवाही होगी या नहीं. इसके पहले वाराणसी में इस पूरे मामले को और हवा देते हुए तेजी से साक्ष्य अपने पक्ष में दिखाने के लिए वादी यानी हिंदू पक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए बाकायदा 1 अगस्त से 5 अगस्त तक एक एग्जीबिशन लगाई गई है. इसमें पिछले साल हुई कमीशन की कार्यवाही और अन्य सोर्स से इकट्ठा की गई तमाम तस्वीरें और साक्ष्य 65 अलग-अलग बड़े-बड़े पैनल में दो-दो फोटो की शक्ल में लगाकर लोगों के बीच ज्ञानवापी की हकीकत बताने का काम किया जा रहा है.
दरअसल, 3 अगस्त को आने वाले फैसले से पहले श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास की तरफ से इंग्लिशिया लाइन स्थित भारतीय शिक्षा मंदिर में धर्म रक्षा प्रदर्शनी की शुरुआत की गई है. 5 दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खोला जा रहा है और यहां पर एक विशेष बुकलेट भी तैयार करके लोगों को दी जा रही है. इस बुकलेट में ज्ञानवापी के अंदर की तमाम तस्वीरों को संकलित करते हुए अंदर की हकीकत लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
न्यास से जुड़े राम प्रसाद सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि प्रदर्शनी में पिछले साल ज्ञानवापी परिसर में हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान इकट्ठा की गई 100 से ज्यादा फोटो के अलावा अलग-अलग किताबों और अलग-अलग सोर्स से इकट्ठा की गईं लगभग 160 से ज्यादा तस्वीरों को इस प्रदर्शनी में लगाया गया है. इस प्रदर्शनी में जो चीजें दिखाई जा रही हैं, वह काफी स्पष्ट हैं. इसमें मंदिर के अंदर मंदिरों के भगनावेश के साथ ही मंदिरों के टूटे शिखर, मां गंगा की एक मगरमच्छ की मूर्ति समेत तमाम ऐसे सबूत साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, जो किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मशीन या बिना किसी तामझाम के देखने में आ सकते हैं. इनमें कई चित्र पहली बार सार्वजनिक किए जा रहे हैं.