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हाईकोर्ट के फैसले से पहले ज्ञानवापी को लेकर लगी खास प्रदर्शनी, अंदर की अनदेखी तस्वीरें दिखाई गईं - वाराणसी में ज्ञानवापी पर प्रदर्शनी

वाराणसी में एक अगस्त से 5 अगस्त तक एक प्रदर्शनी लगाई गई है. इसका उद्देश्य लोगों को ज्ञानवापी की हकीकत बताना है. इसमें पिछले साल हुई कमीशन की कार्यवाही और अन्य सूत्रों से एकत्र की गईं तस्वीरें शामिल हैं. 3 अगस्त को इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आना है.

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Published : Aug 2, 2023, 7:16 AM IST

वाराणसी में ज्ञानवापी को लेकर लगी खास प्रदर्शनी

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले को लेकर सरगर्मी तेज होती जा रही है. इसकी बड़ी वजह यह है कि 3 अगस्त को हाईकोर्ट इस पूरे मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाने वाला है. अब तक 24 जुलाई को 4 घंटे हुए सर्वे के बाद आगे की कार्यवाही पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. इसके बाद अब 3 अगस्त को यह क्लियर हो जाएगा कि कार्यवाही होगी या नहीं. इसके पहले वाराणसी में इस पूरे मामले को और हवा देते हुए तेजी से साक्ष्य अपने पक्ष में दिखाने के लिए वादी यानी हिंदू पक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके लिए बाकायदा 1 अगस्त से 5 अगस्त तक एक एग्जीबिशन लगाई गई है. इसमें पिछले साल हुई कमीशन की कार्यवाही और अन्य सोर्स से इकट्ठा की गई तमाम तस्वीरें और साक्ष्य 65 अलग-अलग बड़े-बड़े पैनल में दो-दो फोटो की शक्ल में लगाकर लोगों के बीच ज्ञानवापी की हकीकत बताने का काम किया जा रहा है.

ज्ञानवापी के अंदर हिंदू संस्कृति की झलक

दरअसल, 3 अगस्त को आने वाले फैसले से पहले श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास की तरफ से इंग्लिशिया लाइन स्थित भारतीय शिक्षा मंदिर में धर्म रक्षा प्रदर्शनी की शुरुआत की गई है. 5 दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खोला जा रहा है और यहां पर एक विशेष बुकलेट भी तैयार करके लोगों को दी जा रही है. इस बुकलेट में ज्ञानवापी के अंदर की तमाम तस्वीरों को संकलित करते हुए अंदर की हकीकत लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

ज्ञानवापी के अंदर का दृश्य

न्यास से जुड़े राम प्रसाद सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि प्रदर्शनी में पिछले साल ज्ञानवापी परिसर में हुई कमीशन की कार्यवाही के दौरान इकट्ठा की गई 100 से ज्यादा फोटो के अलावा अलग-अलग किताबों और अलग-अलग सोर्स से इकट्ठा की गईं लगभग 160 से ज्यादा तस्वीरों को इस प्रदर्शनी में लगाया गया है. इस प्रदर्शनी में जो चीजें दिखाई जा रही हैं, वह काफी स्पष्ट हैं. इसमें मंदिर के अंदर मंदिरों के भगनावेश के साथ ही मंदिरों के टूटे शिखर, मां गंगा की एक मगरमच्छ की मूर्ति समेत तमाम ऐसे सबूत साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं, जो किसी भी व्यक्ति को बिना किसी मशीन या बिना किसी तामझाम के देखने में आ सकते हैं. इनमें कई चित्र पहली बार सार्वजनिक किए जा रहे हैं.

ज्ञानवापी की अनदेखी तस्वीर

उन्होंने बताया की ज्ञानवापी परिसर की दीवारों पर उकेरी गए त्रिशूल, स्वास्तिक, हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह घंटा, घड़ियाल और तमाम पुष्प और टूटे हुए शिखर के हिस्से, मूर्तियां यह सब बयां कर रहे हैं कि हकीकत क्या है. उन्होंने बताया कि हम इसके लिए एक बड़ा जन जागरूकता अभियान चलाने जा रहे हैं. वाराणसी से इसकी शुरुआत की गई है और अब जल्द ही यह प्रदर्शनी लखनऊ उसके बाद दिल्ली, कोलकाता और अन्य महानगरों में भी लगाएंगे.

ज्ञानवापी के अंदर की अद्भुत तस्वीर

राम प्रसाद ने बताया कि अगले साल यह प्रदर्शनी प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेले में ऑफिस 2025 के कुंभ मेले में भी लगाकर बड़े-बड़े आयोजन कथा और अन्य अनुष्ठानों धार्मिक क्रियाकलापों में इस प्रदर्शन के जरिए लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जगह-जगह जाकर यह बताएंगे कि हकीकत क्या है. बताया कि तिथियों में ज्ञानवापी शीर्षक कॉलम में शिव पुराण, स्कंद पुराण के काशी खंड इतिहासकार फरिश्ता के लेखों में ज्ञानवापी के प्राचीन इतिहास की जानकारियां उपलब्ध हैं. इस दौरान ज्ञानवापी प्रकरण में जो भी हकीकत है, उसे सामने लाने का प्रयास तो करेंगे ही. साथ ही साथ लोगों को भी जागरूक करेंगे, ताकि राम मंदिर की तर्ज पर सब कुछ स्पष्ट हो सके.

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