वाराणसी :ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में परिसर का एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया) सर्वे चल रहा है. परिसर के कई हिस्सों का अभी सर्वे होना बाकी है. जबकि सर्वे के लिए दिया गया समय खत्म हो चुका है. ऐसे में एएसआई की ओर से आठ सप्ताह के अतिरिक्त समय की मांग की गई थी. कोर्ट ने चार सप्ताह की रजामंदी दे दी है. सर्वे की कार्रवाई अब आगे भी जारी रहेगी. फिलहाल शुक्रवार का सर्वे मुस्लिम पक्ष के विरोध के कारण प्रभावित रहा.
6 अक्टूबर को पेश करनी होगी रिपोर्ट :ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर 8 सप्ताह का समय मांगे जाने के मामले में वाराणसी जिला जज अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत ने मामले में मौखिक रूप से 8 सप्ताह का समय दिए जाने की बात कहने के बाद लिखित रूप से जारी किए गए आदेश में चार सप्ताह का समय दिया. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि 21 जुलाई के परिपेक्ष के आदेश के संदर्भ में ज्ञानवापी परिसर में चल रहे एएसआई के सर्वे की कार्रवाई को 4 सप्ताह में पूर्ण करने के बाद 6 अक्टूबर को एएसआई अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करें.
आदेश में लिखा-केवल चार सप्ताह का समय :बता दें कि दोपहर में हुई बहस के बाद मुस्लिम पक्ष ने एएसआई के सर्वे को आगे बढ़ाया जाने को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया था. जिसमें प्रतिवादी और वादी पक्ष की बहस जारी थी. कोर्ट की तरफ से दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मौखिक रूप से आदेश पर अपनी सहमति दे दी गई थी, लेकिन लिखित आदेश जारी होना बाकी था. कोर्ट ने अपने लिखित आदेश को जारी करते हुए देर शाम आदेश पारित किया. इसमें स्पष्ट किया गया है कि 08 नहीं बल्कि चार सप्ताह का समय एएसआई की टीम को दिया जा रहा है और एएसआई 6 अक्टूबर को कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी.
मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति :मंगलवार को जिला जज न्यायालय में सर्वे का समय बढ़ाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई थी. हालांकि इसके पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल करते हुए सर्वे की मियाद को आगे न बढ़ाए जाने के अपील की थी. मुस्लिम पक्ष ने यह आरोप लगाया था कि एएसआई का सर्वे सिर्फ वहां मौजूद स्ट्रक्चर की जांच पड़ताल और अन्य चीजों को लेकर है, लेकिन सर्वे बिना अनुमति के खुदाई करके की जा रही है. मलबे को भी हटाया जा रहा है. यह उचित नहीं है.