गांधीनगर : गुजरात में उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद भाजपा में बगावत के सुर उठने लगे हैं. सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह (amit shah) ने भाजपा मुख्यालय 'कमलम' में बैठक की. टिकट कटने से कई मौजूदा विधायक व उनके समर्थक नाराज बताए जा रहे थे. देर तक चली बैठक उसी डैमेज कंट्रोल की कवायद का हिस्सा थी. वहीं, देर रात बीजेपी ने गुजरात चुनाव के लिए 12 और उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी. गांधीनगर दक्षिण (Gandhinagar South) से अल्पेश ठाकोर (Alpesh Thakor) को मैदान में उतारा है. भाजपा 178 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.
गांधीनगर साउथ से अल्पेश ठाकोर को उतारा : भाजपा ने सोमवार को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए गांधीनगर दक्षिण से अल्पेश ठाकोर (Alpesh Thakor from Gandhinagar South) को मैदान में उतारते हुए 12 और उम्मीदवारों की घोषणा की. 2017 के चुनावों के दौरान राज्य में भाजपा विरोधी हलचल के चेहरों में से एक ठाकोर 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में बाद के उपचुनाव में अपनी राधनपुर सीट हार गए. इस सूची के साथ भाजपा ने अब 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 178 सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम दिया है.
रूपाणी के किया जीत का दावा :बैठक में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने 'ईटीवी भारत' के साथ एक साक्षात्कार में दावा किया कि भाजपा लगातार सातवीं बार गुजरात में सरकार बनाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जामनगर की पांच विधानसभा सीटों पर कमल ही खिलेगा.
कमलम के बाहर प्रदर्शन : विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार को लेकर विरोध भी हो रहा है. आज कमलम में बायड विधानसभा प्रत्याशी के खिलाफ प्रदर्शन हुआ. कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि धवलसिंह झाला को बायड विधानसभा से दोबारा टिकट दिया जाए. भारी विरोध के चलते पहली बार कमलम के मुख्य द्वार को बंद करना पड़ा.
शक्ति प्रदर्शन :बायड विधानसभा टिकट की घोषणा होते ही धवलसिंह झाला ने रविवार को बायड़ में बड़ी रैली व शक्ति प्रदर्शन किया. फिर सोमवार दोपहर 500 से अधिक कार्यकर्ता गांधीनगर पहुंचे और मांग की कि धवलसिंह झाला को टिकट दिया जाए, क्योंकि उन्होंने क्षेत्र में काम किया. कार्यकर्ताओं का कहना था कि पार्टी अपना निर्णय नहीं बदलेगी तो उन्हें परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा.
धवलसिंह 2017 में कांग्रेस के टिकट पर बायड से जीते थे, बाद में पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. भाजपा ने 2019 में उनको पेटा चूंटणी से टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गए. कार्यकर्ताओं का कहना है कि बायड विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार भीखिबेन परमार ने उस चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में मतदान कराया इसलिए भाजपा की हार हुई थी.
वहीं, पाटन में भाजपा के राजुल देसाई को टिकट देने की चर्चा का विरोध करने के लिए पाटन मालधारी समाज के भाजपा कार्यकर्ता कमलम पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि बीजेपी पाटन सीट पर राजुल देसाई को टिकट न दें. क्योंकि राजुल देसाई आयातित उम्मीदवार हैं. उनकी जगह रणछोड़ देसाई को टिकट दिया जाना चाहिए क्योंकि वह स्थानीय हैं और 20 साल से सेवा दे रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर राजुल देसाई को टिकट दिया जाता है तो पाटन सीट पर नुकसान उठाना पड़ेगा.
बीजेपी, कांग्रेस ने एक-एक उम्मीदवार बदला : उधर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस ने सौराष्ट्र क्षेत्र की वाधवान और बोटाड सीटों पर क्रमश: एक-एक उम्मीदवार बदला है. सीटों को आवंटित करने के बाद उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की अनिच्छा व्यक्त करने के बाद बदलाव किए, जिससे दोनों दलों ने रविवार रात को इस बदलाव की घोषणा की. सुरेंद्रनगर जिले की वाधवान सीट पर भाजपा ने जिग्ना पंड्या की जगह जिला इकाई के अध्यक्ष जगदीश मकवाना को उतारा है. बोटाड में कांग्रेस ने अपने जिला इकाई अध्यक्ष रमेश मेर की जगह पार्टी प्रवक्ता मनहर पटेल को उतारा है.
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