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बापू की धरोहर 'राष्ट्रीय शाला' में खोला जाएगा कोविड केयर हॉस्पिटल

1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने 'राष्ट्रीय शाला' (National School) की स्थापना की थी. अब इसमें निजी कोविड केयर हॉस्पिटल शुरू करने का फैसला लिया गया है. ये फैसला स्कूल के ट्रस्टियों ने लिया है. स्कूल के प्रार्थना कक्ष में कोरोना के मरीजों का इलाज होगा.

महात्मा गांधी का राष्ट्रीय धरोहर 'राष्ट्रीय शाला'
महात्मा गांधी का राष्ट्रीय धरोहर 'राष्ट्रीय शाला'

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Published : Apr 20, 2021, 12:36 AM IST

राजकोट : महात्मा गांधी ने 1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान 'राष्ट्रीय शाला' (National School) की स्थापना की थी. यह सौ साल पुराना भवन महात्मा गांधी की राष्ट्रीय धरोहर है. लेकिन अब इसके ट्रस्टियों ने फैसला किया है कि इस स्कूल को एक निजी अस्पताल को लीज पर देकर यहां कोविड केयर सेंटर शुरू किया जाए.

कोविड सेंटर में होगी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था

राजकोट में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसकी वजह से अस्पतालों में संक्रमित मरीजों के लिए बेड को लेकर समस्या है. यहां तक कि निजी अस्पतालों में भी बेड की कमी नजर आने लगी है. यही वजह है कि राष्ट्रीय शाला का प्रार्थना कक्ष कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किया जाएगा. इस अस्पताल में 25 अक्सीजन बेड और वेंटिलेटर के साथ चार बेड उपलब्ध कराए जाएंगे. यह अस्पताल गुरुवार या शुक्रवार से खुल जाएगा.

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बेड की उपलब्धता को आसान बनाने का प्रयास

स्कूल के ट्रस्टी जीतूभाई भट्ट ने 'ईटीवी भारत' से बातचीत के दौरान कहा कि दिन ब दिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय शाला को कोविड हॉस्पिटल बनाने का निर्णय स्कूल के ट्रस्टियों ने लिया है. मरीजों के लिए आसानी से बेड उपलब्ध कराने का यह प्रयास है. ट्रस्टियों ने फैसला किया है कि यहां कोविड अस्पताल की सुविधा देने के लिए एक निजी अस्पताल को एक लाख रुपये प्रति माह किराये पर दिया जाएगा.

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